Rajasthan News :हनुमान बेनीवाल की पोल खुली! बंगला कब्जा, 11 लाख बिजली बकाया, सियासत में हड़कंप मचा

Rajasthan News : जयपुर। राजस्थान की राजनीति में खुद को जनसेवक और ईमानदार बताने वाले हनुमान बेनीवाल अब अपने ही किए की वजह से घिरते नजर आ रहे हैं। जयपुर में सरकारी फ्लैट और बंगलों पर वर्षों से कब्जा जमाए रखना और नागौर के मकान पर 11 लाख रुपये से ज्यादा का बिजली बिल न भरना उनकी कथित नैतिक राजनीति की पोल खोल रहा है।

विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें विधायक फ्लैट आवंटित किया गया था। 2024 में सांसद बनने के बावजूद बेनीवाल ने फ्लैट खाली नहीं किया। अब उन्हें 11 जुलाई तक आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है।(Rajasthan News) उनके भाई नारायण बेनीवाल और आरएलपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पुखराज गर्ग को भी बंगलों का लाभ मिलता रहा, जबकि वे विधायक भी नहीं रहे।

सरकारी नियम साफ कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति विधायक पद पर न रहते हुए विधायक कोटे का बंगला नहीं रख सकता। इसके बावजूद वर्षों से यह सुविधाएं इस्तेमाल होती रहीं। अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों खेमों के नेता कह रहे हैं कि यह सख्त कार्रवाई देर से हुई, लेकिन जरूरी थी।

नागौर का मामला भी सामने आया

2 जुलाई को नागौर स्थित उनके मकान का बिजली कनेक्शन काटा गया। यह मकान उनके भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर है और इस पर 11 लाख से ज्यादा का बकाया बिल है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि को आम जनता से ज्यादा जिम्मेदार होना चाहिए, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है।

जयपुर में विधानसभा के पास स्थित हनुमान बेनीवाल के विधायक आवास के बाहर लगा नोटिस।
जयपुर में विधानसभा के पास स्थित हनुमान बेनीवाल के विधायक आवास के बाहर लगा नोटिस।

सोशल मीडिया पर वार-पलटवार

इस कार्रवाई के बाद बेनीवाल समर्थकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया। देर रात तक मुख्यमंत्री को हटाने और बेनीवाल के पक्ष में ट्रेंड चलते रहे। जवाब में भजनलाल समर्थकों ने भी “#राजस्थानविथभजनलाल” ट्रेंड कराया।

विक्टिम कार्ड या सच्चाई?

बेनीवाल खेमा इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है, लेकिन जानकार मानते हैं कि यह मामला उनके पुराने रवैये की पोल खोल रहा है। कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि वे खुद को नैतिक राजनीति का प्रतीक बताते रहे, लेकिन सत्ता में रहते सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करते रहे।

सियासी गलियारों में चर्चा है कि अब बेनीवाल इसे विक्टिम कार्ड बताकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश करेंगे। पर यह भी सच है कि जनता सब देख रही है और इस बार उनकी “जनसेवक” की छवि पर गहरा सवाल खड़ा हो गया है। । अपडेट्स के लिए जुड़े रहें  www.bodhsaurabh.com

Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

Related Posts

भाई-बहन के प्यार का पर्व! राखी बांधने वालों ने निभाई परंपराओं की शान, जानिए कैसे

Raksha bandhan…

दिन-ब-दिन बढ़ती गुमशुदगी, क्या राजस्थान पुलिस इस पहेली को सुलझा पाएगी या फिर खामोशी का पर्दा?

Rajasthan High…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *