
Gold price: नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹1,03,420 प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया….पिछले पांच कारोबारी दिनों में कुल ₹5,800 की तेज़ी दर्ज हुई है। साथ ही चांदी भी ₹1,15,000 प्रति किलो के साथ कई महीनों के उच्चतम (Gold price)स्तर पर आ गई है।
आर्थिक अस्थिरता से घरेलू मांग और निवेश पर व्यापक असर
काफी हद तक वैश्विक सप्लाई चेन में व्याप्त अवरोध, अमेरिका की टैरिफ नीति और मंडी में थोक खरीदारों की मजबूत नोटिस ने कीमतों में अचानक उछाल ला दिया है। इस उछाल का असर सिर्फ निवेशकों पर नहीं, बल्कि आभूषण उद्योग, सामान्य उपभोक्ता और आय सीमा वाले गृहस्थों की जेब पर भी दिखाई देगा।
तेज़ उछाल का आंकड़ा
- गुरुवार: सोना ₹1,02,620/10 ग्राम (₹3,600 की बड़ी तेजी)
- शुक्रवार: सोना ₹1,03,420/10 ग्राम (₹800 और बढ़त)
- पिछले 5 कारोबारी सत्रों में कुल वृद्धि: ₹5,800/10 ग्राम
- 99.5% शुद्धता सोना: ≈ ₹1,03,000/10 ग्राम
- चांदी: ₹1,15,000/किलो (पिछले 5 सत्रों में ₹5,500 प्रति किलो की तेजी)
क्यों बढ़ी कीमतें? प्रमुख कारण
- थोक खरीदारों की मजबूत मांग: सर्राफा संघ की रिपोर्ट बताती है कि आभूषण निर्माता और निवेशक बड़े ऑर्डर दे रहे हैं, जिससे कीमतें सपोर्ट मिलीं।
- अमेरिकी टैरिफ का असर: स्विट्ज़रलैंड से आयातित गोल्ड बार्स पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ (39%) से ग्लोबल सप्लाई बाधित हुई, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव बढ़ा।
- रेपो/ब्याज दरों पर कटा-पटा अनुमान: फेड के संभावित रेट कट की उम्मीद से सुरक्षित परिसंपत्ति (safe-haven) की मांग बढ़ती है और सोना आकर्षक बनता है।
- भारत-अमेरिका व्यापार गतिरोध: द्विपक्षीय टकराव और नीतिगत असमंजस निवेशकों को सतर्क कर रहे हैं।
वायदा बाजार और अंतरराष्ट्रीय रुझान
MCX पर अक्टूबर डिलीवरी सोना ₹1,02,250/10 ग्राम (₹782 बढ़त) पर पहुंचा, जबकि दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट ₹1,03,195 प्रति 10 ग्राम पर दिखा। अंतरराष्ट्रीय स्पॉट गोल्ड न्यूयॉर्क में $3,500.33 प्रति औंस तक पहुंच गया — यह नया रिकॉर्ड माना जा रहा है। स्पॉट सिल्वर $38.28 प्रति औंस पर कारोबार कर रही है।
किसे-क्या असर होगा?
- आभूषण उद्योग: कच्चे माल की महंगाई से निर्माताओं का मार्जिन सिकुड़ सकता है; रिटेल कीमतों में बढ़ोतरी संभव है।
- नवविवाह एवं त्योहार: शांत अवधि में भी घरों को सोना-खरीदने पर खर्च बढ़ सकता है, शादी व त्यौहारों पर असर पड़ेगा।
- निवेशक और एफपीआई: सुरक्षित संपत्तियों में रुचि बढ़ने से प्रवाह में और तादाद आ सकती है; सोने के ETF और वायदा आकर्षक बने रहेंगे।
- मुद्रास्फीति पर दबाव: ऊर्जा व कच्चे माल महंगे होने से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
विश्लेषकों की राय
Abans Financial के CEO चिंतन मेहता और HDFC Securities के एनालिस्ट सौमिल गांधी के अनुसार यह उछाल अल्पकालिक वैश्विक घटनाओं और घरेलू मांग का सम्मिश्रण है। LKP Securities के जतिन त्रिवेदी ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में अनिर्णय निवेशकों को सुरक्षित आश्रयों की ओर मोड़ रहा है। सुनहरे भाव का यह रिकॉर्ड ब्रेक घरेलू और वैश्विक घटनाक्रम का परिणाम है। फिलहाल निवेशकों और खरीदारों के लिए सतर्कता ही सर्वोत्तम नीति बनी हुई है—क्योंकि छोटी अवधि की वैरिएबिलिटी जारी रह सकती है और नीतिगत संकेतों से कीमतें तेज़ी से बदल सकती हैं।
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