
Bhajanlal Sharma: जब जीवन अनुभवों की संपन्नता से भर जाता है और शरीर विश्राम की ओर अग्रसर होता है, तब आत्मा को उस शांति और पुण्य की आवश्यकता होती है, जो केवल आध्यात्मिक यात्रा से प्राप्त होती है। बुजुर्ग केवल परिवार के नहीं, समाज और संस्कृति के जीवंत ग्रंथ होते हैं – जिनकी सेवा, मार्गदर्शन और तपस्या से वर्तमान पीढ़ियाँ दिशा पाती हैं। ऐसे पूज्यजनों के प्रति सम्मान प्रकट करना मात्र एक औपचारिकता नहीं, बल्कि संस्कृति की मूल आत्मा है।
इसी आत्मिक और संवेदनशील सोच के साथ राजस्थान सरकार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में “वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना” का संचालन कर रही है – एक ऐसी पहल जो सेवा, श्रद्धा और उत्तरदायित्व का सुंदर संगम है। यह योजना न केवल सरकार की कल्याणकारी भावना को दर्शाती है, बल्कि हमारी संस्कृति में निहित “मातृदेवो भव, पितृदेवो भव” की भावना को भी मूर्त रूप देती है।
यह योजना राजस्थान के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के उन वरिष्ठ नागरिकों को एक बार निःशुल्क तीर्थ यात्रा का अवसर प्रदान करती है, जो आयकरदाता नहीं हैं।(Bhajanlal Sharma) यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा, सम्मान और आत्मिक संतोष का मार्ग है – जहाँ सरकार यात्रा का समस्त व्यय वहन करती है और वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा, सुविधा और गरिमा के साथ उनके पुण्य स्थलों तक पहुँचाती है।
56 हजार वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा तीर्थ यात्रा का सुनहरा अवसर
राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप वर्ष 2025-26 में कुल 56,000 वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिलेगा।
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इनमें से 50,000 यात्रियों को एसी ट्रेन द्वारा तथा
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6,000 यात्रियों को हवाई मार्ग से यात्रा करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ‘राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ को दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रामेश्वरम और मदुरई की यात्रा पर रवाना किया।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ – अंतिम तिथि 10 अगस्त
योजना के अगले चरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर प्रारंभ कर दी गई है।
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आवेदन की अंतिम तिथि 10 अगस्त निर्धारित की गई है।
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पहले से चयनित किन्तु यात्रा पर न जाने वाले आवेदकों को इस बार योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।
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जिला स्तरीय समितियाँ पात्र आवेदकों का चयन करेंगी।
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एक ट्रेन में 800 वरिष्ठजन यात्रा कर सकेंगे, साथ ही 100% वेटिंग लिस्ट भी बनाई जाएगी।
15 रेलमार्गों और लगभग 40 तीर्थ स्थलों के दर्शन का अवसर
योजना के अंतर्गत रेल यात्रा से 15 प्रमुख मार्गों द्वारा देश के लगभग 40 पवित्र तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे।
इनमें प्रमुख स्थल हैं….हरिद्वार, ऋषिकेश, अयोध्या, वाराणसी, सारनाथ, मथुरा, वृंदावन, द्वारका, नागेश्वर, सोमनाथ, तिरुपति, पद्मावती, उज्जैन, ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर, कामाख्या, गंगासागर, कोलकाता, जगन्नाथपुरी, कोणार्क, त्रयंबकेश्वर, घृष्णेश्वर, एलोरा, बिहार शरीफ, श्री हजूर साहिब नांदेड़, पटना साहिब, गोवा के चर्च आदि। इसके अतिरिक्त, हवाई यात्रा के माध्यम से नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन भी कराए जाएंगे।
यात्रा में स्वास्थ्य, सुरक्षा और गरिमा का विशेष ध्यान
राज्य सरकार ने तीर्थ यात्रा को बुजुर्गों के लिए संपूर्ण रूप से सुखद और गरिमापूर्ण बनाने हेतु अनेक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की हैं:
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प्रत्येक ट्रेन में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध
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भोजन, आवास, ट्रांसपोर्ट, मंदिर दर्शन की पूर्ण सुविधा
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नाश्ते व रात्रि भोजन की व्यवस्थित व्यवस्था
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ट्रेनों के डिब्बों पर राजस्थान की संस्कृति, लोक कला, तीज-त्योहारों और पर्यटन स्थलों की छवियाँ प्रदर्शित की गई हैं।
संवेदनशील सरकार की एक प्रेरणादायक पहल
यह योजना केवल यात्रा नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक पुनरुत्थान और संस्कृति-संवर्धन का माध्यम है। राजस्थान सरकार की यह पहल संवेदनशीलता, जवाबदेही और सामाजिक सरोकारों का प्रतीक है। यह पहल यह सिद्ध करती है कि एक कल्याणकारी सरकार केवल नीति नहीं बनाती, बल्कि अपने नागरिकों के साथ आत्मिक रिश्ता भी निभाती है।
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