
अकेले की साजिश या गिरोह?
पुलिस के मुताबिक ईमेल तमिलनाडु के फर्जी नेताओं के नाम से बनाए गए IDs से भेजे गए। बावजूद गिरफ्तारी के धमकी जारी है, जो संकेत देती है कि यह सिर्फ दुबे का मामला नहीं हो सकता।
“मामला गंभीर, जल्द हो समाधान”
SGPC के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नन ने प्रशासन से इस मामले की तेज़ और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
“शुभम हमेशा अकेला रहता था”
स्थानीय निवासियों के अनुसार दुबे बेहद अंतर्मुखी स्वभाव का था। नौकरी जाने के बाद उसने पिता की पान की दुकान संभालनी शुरू कर दी थी। क्या शुभम दुबे अकेला दोषी है या मामला कहीं ज़्यादा गहरा है? यह आने वाली जांच पर निर्भर करेगा, लेकिन इतना तय है कि धमकी की पुनरावृत्ति देश की सुरक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला रही है।
अपडेट्स के लिए जुड़े रहें www.bodhsaurabh.com