Utkarsh Coaching: शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले कोचिंग सेंटरों पर जब अनियमितताओं और गड़बड़ियों के आरोप लगते हैं, तो यह न केवल छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि पूरे समाज में आक्रोश और निराशा का कारण बनता है। जोधपुर स्थित प्रसिद्ध उत्कर्ष कोचिंग सेंटर पर आयकर विभाग की छापेमारी ने ऐसा ही माहौल बना दिया।(Utkarsh Coaching) चलती हुई क्लासेस के बीच अधिकारियों ने छात्रों को बाहर निकाला, उनके मोबाइल फोन जब्त किए, और चारों ओर पुलिस का घेरा बन गया। यह कार्रवाई न केवल केंद्र के संचालन पर सवाल उठाती है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त संभावित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की ओर इशारा करती है।
लोकप्रियता के पीछे छिपा काला सच?
सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के लिए उत्कर्ष कोचिंग सेंटर को एक भरोसेमंद नाम माना जाता रहा है। लेकिन इसकी चमकदार छवि के पीछे छिपी अनियमितताओं ने अब इसकी साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पहला मौका नहीं है, जब इस संस्थान पर आयकर विभाग का शिकंजा कसा हो। बार-बार उठते सवाल इसके संचालन में गहरे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं।
जयपुर सेंटर की घटना ने खोली परतें
15 दिसंबर को जयपुर स्थित उत्कर्ष सेंटर में छात्रों के अचानक बेहोश होने की घटना ने संस्थान को पहले ही कटघरे में खड़ा कर दिया था। छात्रों की बेहोशी को लेकर एनजीटी ने सख्त रुख अपनाते हुए पर्यावरण और प्रदूषण से जुड़े विभागों से जवाब तलब किया है। इस प्रकरण ने संस्थान के प्रबंधन और संचालन पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
शिक्षा के नाम पर व्यापार…अनियमितताएं
शिक्षा के नाम पर छात्रों और उनके अभिभावकों के विश्वास का शोषण करना एक खतरनाक प्रवृत्ति बनती जा रही है। उत्कर्ष कोचिंग सेंटर पर छापेमारी और इससे जुड़े विवाद यह दिखाते हैं कि कैसे लोकप्रियता की आड़ में अनियमितताओं का खेल खेला जा रहा है। यह घटनाएं छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करती हैं।
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