Rambhadracharya Maharaj Kashmir Reclaim Pakistan: भारत के अखंडता की पुनर्स्थापना के लिए एक अभूतपूर्व आह्वान गूंज रहा है। जगदगुरु रामभद्राचार्य ने अपने उद्बोधन में पाकिस्तान द्वारा हड़पे गए कश्मीर की वापसी की संकल्प लिया और इसके लिए एक विशाल यज्ञ की शुरुआत की। (Rambhadracharya Maharaj Kashmir Reclaim Pakistan)जयपुरवासियों से विशेष रूप से समर्थन की अपील करते हुए उन्होंने कहा, “पाकिस्तान से विजय पाने के लिए जयपुर का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।” रामभद्राचार्य की यह बात न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर को वापस पाने की प्रेरणा है, बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए एक नया संकल्प भी है।
यह संदेश उन्होंने शुक्रवार को राजस्थान के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित 9 दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन दिया, जिसमें राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने भी उनका आशीर्वाद लिया।
रामभद्राचार्य का ऐतिहासिक आह्वान: राजस्थान सरकार से वेद शिक्षा के लिए सहयोग की अपील
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने राजस्थान सरकार से 6वीं से 12वीं कक्षा तक वेद की शिक्षा देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सुना है कि सरकार वेद शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योजना बना रही है, और वह इस पर सहयोग देने के लिए तैयार हैं। रामभद्राचार्य ने कहा, “मैं सरकार से कहूंगा कि वे मुझे ऋग्वेद से लेकर हनुमान चालीसा तक, भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए उपयोग करें। मुझे डेढ़ लाख वेद मंत्र याद हैं, और मैं ऑनलाइन पढ़ाऊंगा।”
कमल के फूल से हरि की पूजा कीजिए: रामभद्राचार्य का संदेश
उन्होंने आगे कहा, “राजस्थान में कमल का फूल खिला है, और कमल के फूल से हरि की पूजा होती है। सत्ता पक्ष के कमल के फूल से हरि की पूजा कीजिए।” यह वक्तव्य रामभद्राचार्य ने राजस्थान के राजनीतिक और धार्मिक परिप्रेक्ष्य में दिया।
राज्यपाल का संबोधन: भारतीय संस्कृति आज भी जीवंत है
राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने भी रामभद्राचार्य के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “जयपुर में 22 साल बाद रामभद्राचार्य राम कथा कर रहे हैं, यह हमारे लिए गर्व का विषय है। 800 साल पहले भारतीय हिंदू संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास हुआ था, लेकिन आज भी हमारी संस्कृति जीवंत है। इसे कोई भी समाप्त नहीं कर सकता।”
कथा में पास व्यवस्था समाप्त: पहले आओ, पहले पाओ का आधार
विद्याधर नगर स्टेडियम में हो रही श्रीराम कथा में शनिवार से कोई एंट्री पास की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ही दर्शक कथा में शामिल होंगे, जो जल्दी आएगा वह आगे की सीट पर बैठ सकेगा।
ये भी पढ़े :
Rajasthan: राज्यवर्धन राठौड़ ने कांग्रेस से पूछा!क्या वह धारा 370 को फिर लागू करने की पक्षधर है?”