Rajasthan Forest Department:राजस्थान का वन विभाग इन दिनों केवल पेड़-पौधों और जानवरों की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि एक बेहद दिलचस्प और प्यारी पहल के लिए भी चर्चा में है। इस बार, उन्होंने एक अनोखा कदम उठाया है, जो न केवल पतंगबाजों को बल्कि हर किसी को मोहित कर रहा है। दरअसल, वन विभाग ने अपनी सोशल मीडिया पर पतंगबाजों के लिए एक ‘लव लेटर’ लिखा है, जिसमें उन्हें एक साथ मस्ती करने के साथ-साथ पर्यावरण का ख्याल रखने की सलाह दी गई है। (Rajasthan Forest Department)यह प्यारा संदेश सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है और सभी की दिलों में एक नई उम्मीद और जागरूकता का संचार कर रहा है। इस पहल ने साबित कर दिया है कि प्रकृति और खुशी का संतुलन बनाए रखना जरूरी है, और यह कार्य वन विभाग ने बेहद सृजनात्मक तरीके से किया है।
क्यों लिखा ये पत्र?
राजस्थान में मकर संक्रांति के दौरान जो उत्साह देखने को मिलता है, वह अन्य किसी पर्व से अलग होता है। आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है, और यह दृश्य वाकई में मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। हालांकि, इस उत्सव के साथ एक गंभीर समस्या भी जुड़ी हुई है – वह है पतंगों की डोर में उलझकर बेजुबान पक्षियों का घायल होना या उनकी जान का जोखिम। हर साल यह संख्या बढ़ रही है, और शाम होते-होते कई पक्षी घायल अवस्था में अस्पतालों में मिलते हैं। ऐसे में इन बेज़ुबान पक्षियों को बचाने के लिए राजस्थान वन विभाग ने एक प्यारा और रचनात्मक तरीका अपनाया है, जिससे इस समस्या पर जागरूकता बढ़ सके।
मिट्ठू की तस्वीर ने जीता दिल
राजस्थान वन विभाग ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें एक मिट्ठू (तोता) की चोंच में एक प्यारा सा खत दबा हुआ था। इस पत्र में वन विभाग ने पतंग उड़ाने वालों से एक दिलचस्प सवाल पूछा – “क्या आपने कभी गले में रस्सी बांधकर पतंग उड़ाने की कोशिश की है?” इसके बाद विभाग ने अपील की, “अगर आसमान सबके लिए खुला है तो कुछ जीवों की कीमत क्यों चुकानी पड़ी? कृपया सुरक्षित तरीके से पतंग उड़ाएं और इन बेज़ुबान पक्षियों का ख्याल रखें।”
क्यों है ये खबर इतनी खास?
यह खबर इसलिए खास है क्योंकि राजस्थान वन विभाग ने इस गंभीर मुद्दे के समाधान के लिए एक नया और रचनात्मक तरीका अपनाया है। मिट्ठू की तस्वीर और पत्र में दिया गया संदेश दिल को छूने वाला है। इस पहल ने न सिर्फ लोगों का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि पतंग उड़ाने वालों को यह सोचने पर मजबूर किया कि उनकी एक छोटी सी लापरवाही कितनी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। इस उम्मीद के साथ, वन विभाग चाहता है कि लोग अब इन बेजुबान जीवों का ख्याल रखें और सुरक्षित तरीके से पतंग उड़ाएं, जिससे सभी का उत्सव खुशहाल रहे।
यह भी पढ़ें:
मकर संक्रांति विशेष.. सोने की पतंग संग गोविंद देव जी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भावनाओं की बयार