Air Pollution in Rajasthan: राजस्थान, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, सुंदर मरुस्थल और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, आज एक नई चुनौती का सामना कर रहा है—वायु प्रदूषण। (Air Pollution in Rajasthan)चमकते सूरज और साफ आसमान के लिए पहचाने जाने वाले इस राज्य के शहरों की फिज़ाओं में आज धूल, धुंआ और हानिकारक कणों का ज़हर घुल गया है। राजधानी जयपुर से लेकर औद्योगिक भिवाड़ी, और शांतिपूर्ण उदयपुर तक, हर शहर की हवा में जहर की मात्रा बढ़ रही है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की खतरनाक स्थिति राजस्थान के पर्यावरणीय स्वास्थ्य को सीधा प्रभावित कर रही है। रोड डस्ट, बढ़ता ट्रैफिक, और उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषण वायु गुणवत्ता में गिरावट के प्रमुख कारण बन गए हैं। आज, न केवल शहरों की प्राकृतिक सुंदरता बल्कि यहाँ के निवासियों का स्वास्थ्य भी इस संकट से खतरे में है। आइए, इस समस्या की जड़ों तक पहुंचते हैं और समाधान की संभावनाओं पर चर्चा करते हैं।
जयपुर में बढ़ता प्रदूषण संकट
राजधानी जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 343 तक पहुंच गया है, जो कि “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। रीको सीतापुरा और मुरलीपुरा जैसे क्षेत्रों में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। ठंड और सुबह की धुंध ने प्रदूषण की समस्या को और बढ़ा दिया है, जिससे निवासियों के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है।
अलवर और भरतपुर में सख्त कदम
राजस्थान सरकार ने वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए अलवर और भरतपुर जिलों में कठोर उपाय अपनाए हैं। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के तहत, इन क्षेत्रों में करीब 3,000 खदानों और ईंट भट्टों को बंद करने का आदेश दिया गया है। इन उपायों का उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्रोतों पर अंकुश लगाना है।
रेड जोन में राजस्थान के पांच शहर
ताजा आंकड़ों के अनुसार, भिवाड़ी (रीको), जयपुर (मानसरोवर और रीको क्षेत्र), कोटा (श्रीनाथपुरम) और टोंक जैसे शहर “रेड जोन” में शामिल हैं। ये क्षेत्र “बहुत खराब” श्रेणी में आते हैं, जहां वायु प्रदूषण का स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है।
सरकार के सामने चुनौतियां
इस खतरनाक स्तर के प्रदूषण को नियंत्रित करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। औद्योगिक उत्सर्जन पर रोक, सड़कों की धूल कम करने, और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने जैसे कदम अनिवार्य हैं। साथ ही, नागरिकों को मास्क पहनने, अनावश्यक बाहर निकलने से बचने और बच्चों व बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। राजस्थान में वायु प्रदूषण की यह गंभीर स्थिति सभी के लिए चिंताजनक है। सामूहिक प्रयासों और सख्त नीतियों के बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है।
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