जयपुर, जिसे “पिंक सिटी” के नाम से जाना जाता है, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्भुत संगम है। यहाँ के प्रमुख आराध्य देव श्री गोविंददेवजी मंदिर में दर्शन मात्र से ही भक्तों के मन में आनंद और शांति की लहर दौड़ जाती है। यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र है, बल्कि अपनी दिव्यता और झांकियों की भव्यता के लिए भी प्रसिद्ध है।
मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा और धार्मिक उत्साह को ध्यान में रखते हुए दर्शन के समय में बदलाव की घोषणा की है। यह नया समय 2 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में, देशभर से आने वाले भक्त श्रीठाकुरजी के भव्य रूप और आकर्षक झांकियों के दर्शन कर सकेंगे। विशेष अवसरों पर मंदिर में अतिरिक्त दर्शन सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
श्री गोविंददेवजी के भक्त अब अपनी यात्रा की योजना इन बदले हुए समयों के अनुसार बना सकते हैं, ताकि उनकी आध्यात्मिक यात्रा अधिक मंगलमय और सुखद हो सके।
विशेष झांकियों का आयोजन
मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया कि प्रत्येक रविवार और एकादशी के दिन विशेष झांकियों का आयोजन किया जाएगा। मंगला झांकी का समय इन दिनों सुबह 4:45 से 5:15 बजे तक रहेगा, जबकि धूप झांकी सुबह 7:30 बजे से प्रारंभ होगी। इन अवसरों पर भव्य झांकियां सजाई जाती हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक सुख प्रदान करती हैं। इन दिनों दर्शनार्थियों की अधिक संख्या को देखते हुए झांकियों के समय को बढ़ाया गया है।
नियमित दर्शन का समय
मंदिर में प्रतिदिन झांकियों के दर्शन निम्नलिखित समय पर किए जा सकते हैं:
- मंगला झांकी: प्रातः 5:00 से 5:15 तक
- धूप झांकी: प्रातः 7:45 से 9:00 तक
- श्रृंगार झांकी: प्रातः 9:30 से 10:15 तक
- राजभोग झांकी: प्रातः 10:45 से 11:15 तक
- ग्वाल झांकी: सायं 5:00 से 5:15 तक
- संझा झांकी: सायं 5:45 से 6:45 तक
- शयन झांकी: रात्रि 8:00 से 8:15 तक
विशेष धार्मिक अवसरों पर व्यवस्था
मंदिर प्रशासन ने पूर्णिमा, एकादशी, अमावस्या, वसंत पंचमी और होली जैसे विशेष अवसरों पर दर्शन की व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया है। इन दिनों आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए दर्शन का समय और प्रबंधन सुनिश्चित किया गया है।
प्रमुख त्योहारों की सूची (2 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025)
मंदिर के जारी कैलेंडर के अनुसार, आगामी प्रमुख त्योहार और धार्मिक तिथियां इस प्रकार हैं:
- पुत्रदा एकादशी: 10 जनवरी
- पूर्णिमा: 13 जनवरी
- षट्तिला एकादशी: 25 जनवरी
- अमावस्या: 29 जनवरी
- बसंत पंचमी: 2 फरवरी
- जया एकादशी: 8 फरवरी
- पूर्णिमा: 12 फरवरी
- विजया एकादशी: 24 फरवरी
- अमावस्या: 27 फरवरी
- आंवला एकादशी: 10 मार्च
- होलिका/श्रीजी की होली: 13 मार्च
- पूर्णिमा: 14 मार्च
- पापमोचिनी एकादशी: 25 मार्च
- अमावस्या: 29 मार्च
इन तिथियों पर मंदिर में विशेष आयोजन और झांकियों का दर्शन श्रद्धालुओं को आस्था और उल्लास से भर देगा।
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