राजस्थान में उद्योगों का भविष्य चमकेगा…. 4 पॉलिसी के साथ लोन पर छूट…. 100% शुल्क माफी!

Rajasthan News: प्रदेश में निवेश के नए द्वार खोलने और विकास की गति को नई ऊंचाई देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक बार फिर कमर कस ली है। बजट सत्र से पहले सरकार चार नई नीतियों को लागू करने की तैयारी में है, जो प्रदेश की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होंगी। इनमें निजी औद्योगिक पार्क योजना, डाटा सेंटर नीति, गारमेंट एवं अपैरल पार्क नीति, और लॉजिस्टिक नीति शामिल हैं। इन नीतियों का मसौदा मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है, (Rajasthan News) और इन्हें खासतौर पर इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली बनाया गया है, ताकि प्रदेश में निवेश के नए आयाम स्थापित हो सकें। सरकार का यह कदम प्रदेश को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है।

मुख्यमंत्री के पास स्वीकृति हेतु ड्राफ्ट भेजा गया
राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए इन चार नीतियों के ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। इन नीतियों में निवेशकों और डवलपर्स को बड़ी रियायतें देने का प्रस्ताव है। स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए केवल एक रुपए शुल्क का प्रावधान है, साथ ही स्टाम्प ड्यूटी और भूउपयोग परिवर्तन शुल्क में 100% छूट प्रस्तावित की गई है। निजी औद्योगिक पार्क योजना में डवलपर्स को लोन के ब्याज पर सब्सिडी देने का प्रावधान है, और जो डवलपर मजदूरों और कारीगरों के लिए आवास की व्यवस्था करेगा, उसे अतिरिक्त रियायतें मिलेंगी।

निजी औद्योगिक पार्क योजना

इस योजना के तहत कम से कम 50 एकड़ जमीन पर औद्योगिक पार्क विकसित करने का प्रावधान है, जिसमें न्यूनतम 10 यूनिट उद्योगों का संचालन अनिवार्य होगा। प्रोजेक्ट को प्रभावी तभी माना जाएगा जब 90% सिविल कार्य और 50% भूखंड बिक चुके हों। इसके अलावा, 10% भूखंड को एमएसएमई के लिए आरक्षित करना अनिवार्य है। इस योजना में स्टॉम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज, और भूउपयोग परिवर्तन शुल्क में 100% छूट दी जाएगी। निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (PPP) और ज्वाइंट वेंचर मॉडल भी पेश किया गया है।

राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी

औद्योगिक क्षेत्रों में डेटा को एकत्रित करने के लिए डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत औद्योगिक क्षेत्रों या उनके आसपास डेटा सेंटर बनाए जाएंगे। नीति के अनुसार, प्रत्येक डेटा सेंटर में 2 मेगावाट की न्यूनतम इंस्टॉलेशन क्षमता होना अनिवार्य है। निवेशकों को 7 साल तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 100% छूट, और बैंकिंग, व्हीलिंग व ट्रांसमिशन चार्ज में 10 साल तक छूट दी जाएगी। ग्रीन बिल्डिंग निर्माण पर एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) में भी अतिरिक्त छूट का प्रावधान है।

गारमेंट एवं अपैरल पॉलिसी

इस नीति के तहत निजी टेक्सटाइल और अपैरल पार्क की स्थापना पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। पहली बार ऐसे किसी पार्क के निर्माण पर अनुदान दिया जाएगा। यदि कोई उद्योग 200 सीटों का ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करता है, तो अगले पांच वर्षों तक उसे अनुदान का लाभ मिलेगा।

राजस्थान लॉजिस्टिक पॉलिसी

राज्य में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और ग्रीन एक्सप्रेसवे के महत्व को देखते हुए लॉजिस्टिक नीति बनाई गई है। इस नीति के तहत 7 नए ग्रीन एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे और उन्हें मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा। यह नीति न केवल राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों के रिकॉर्ड को बेहतर बनाएगी, बल्कि लॉजिस्टिक्स में सुधार करके निवेशकों के लिए एक सुदृढ़ परिवहन नेटवर्क भी तैयार करेगी।

नोडल एजेंसी में बदलाव

इन नीतियों के क्रियान्वयन के लिए रीको (RIICO) की बजाय उद्योग विभाग को नोडल एजेंसी के रूप में चुना गया है। इससे न केवल प्रक्रियाएं सरल होंगी, बल्कि निवेशकों को अधिक सुविधाएं भी मिलेंगी।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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