Bhajanlal cabinet decision: राजस्थान की राजनीति में हालिया बदलाव और प्रशासनिक पुनर्गठन ने राज्य की दिशा और दशा को लेकर एक नई चर्चा छेड़ दी है। भजनलाल सरकार द्वारा गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों और 3 संभागों (पाली, सीकर, बांसवाड़ा) को खत्म करने का फैसला एक बड़े प्रशासनिक निर्णय के रूप में सामने आया है।(Bhajanlal cabinet decision) यह निर्णय राज्य के नागरिकों के लिए एक नया संदर्भ प्रस्तुत करता है, जिसमें उनके स्थानीय प्रशासन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के पुनर्गठन की प्रक्रिया शामिल है।
यह कदम प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने का दावा करते हुए लिया गया है, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थ और प्रभाव भी व्यापक हैं। इस निर्णय के साथ राजस्थान में अब 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे। जहां एक ओर यह निर्णय प्रशासनिक खर्चों में कमी और बेहतर प्रबंधन का उद्देश्य प्रस्तुत करता है, वहीं दूसरी ओर इसे राजनीतिक लाभ-हानि के तराजू पर भी तौला जा रहा है।
कैबिनेट बैठक में सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती को लेकर कोई निर्णय न लिया जाना युवाओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने स्पष्ट किया कि यह मामला कोर्ट में लंबित है और वर्तमान एजेंडे में शामिल नहीं था। इस प्रकार, रोजगार से जुड़े मुद्दों और न्यायिक प्रक्रिया के संतुलन पर भी नजर डालने की आवश्यकता है।
नए जिलों और संभागों का पुनर्गठन
भजनलाल सरकार ने गहलोत शासन में बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों और 3 संभागों को समाप्त करने का बड़ा फैसला लिया है। इन जिलों और संभागों में आवश्यक संरचनाओं की कमी और अतिरिक्त प्रशासनिक भार के चलते यह कदम उठाया गया। रीव्यू कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, इन जिलों की उपयोगिता नहीं पाई गई। परिणामस्वरूप, इन जिलों में तैनात कलेक्टर, एसपी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी हटाए जाएंगे, और उनके पद समाप्त कर दिए जाएंगे।
खत्म किए गए जिले और संभाग:
- संभाग: बांसवाड़ा, पाली, सीकर
- जिले: अनूपगढ़, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर और शाहपुरा
रखे गए जिले:
बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर
समान पात्रता परीक्षा का नया नियम
बैठक में समान पात्रता परीक्षा (CET) के स्कोर की वैधता को एक साल से बढ़ाकर तीन साल करने का निर्णय लिया गया। यह फैसला उम्मीदवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि अब उन्हें बार-बार परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी।
खाद्य सुरक्षा योजना का विस्तार
सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के तहत नए लोगों को जोड़ने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत तीन महीने तक अभियान चलाकर पात्र व्यक्तियों को जोड़ा जाएगा। यह कदम जरूरतमंद लोगों तक लाभ पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
पंचायत और प्रशासनिक पुनर्गठन
राज्य में पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के पुनर्गठन का फैसला लिया गया है। इससे स्थानीय प्रशासन और विकास कार्यों में सुधार की उम्मीद है।
जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की रोक
जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने 31 दिसंबर तक नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन की अनुमति दी थी। इसके बाद 1 जनवरी से प्रशासनिक सीमाएं स्थिर कर दी जाएंगी, जिससे नए जिलों, तहसीलों और अन्य इकाइयों का गठन संभव नहीं होगा। इस कारण सरकार ने 31 दिसंबर से पहले सभी आवश्यक निर्णय ले लिए।
केंद्रीय गृहमंत्री को मुख्यमंत्री की चिट्ठी
सीएम भजनलाल शर्मा ने सितंबर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर नए जिलों और प्रशासनिक इकाइयों पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने 8 अक्टूबर को इस रोक को 31 दिसंबर तक हटाने का आदेश जारी किया। इस समयसीमा का उपयोग करते हुए सरकार ने निर्णयों को अंतिम रूप दिया।
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