Rajasthan: भिवाड़ी में जहरीली हवा का कहर! फेफड़ों में घुल रहा ज़हर, सांस लेना मुश्किल!”

Bhiwadi air pollution: राजस्थान का भिवाड़ी शहर, जो अपने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जाना जाता है, इन दिनों प्रदूषण के गंभीर संकट से जूझ रहा है। आसमान में छाए धुएं और जहरीले कणों ने (Bhiwadi air pollution)शहर की हवा को ऐसा बना दिया है, मानो हर सांस के साथ जहर अंदर जा रहा हो। हालत इतनी बिगड़ चुकी है कि प्राइमरी स्कूलों को बंद करना पड़ा और लोग घरों में कैद हो गए हैं। आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण लोगों को अस्पताल तक ले जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति सामान्य होने में अभी समय लगेगा। भिवाड़ी में प्रदूषण का यह संकट महज एक खबर नहीं, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के प्रति हमारी गंभीरता पर सवाल खड़ा करता है।

भिवाड़ी में 10 दिन से जहरीली हवा का कहर

भिवाड़ी शहर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण ने हवा को सांस लेने लायक नहीं छोड़ा। पिछले 10 दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। लोग आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत कर रहे हैं।


प्रदूषण मापन सुविधाओं की खस्ता हालत

शहर में वायु गुणवत्ता बताने वाले केवल दो डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं, जिनमें से एक खराब पड़ा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि जहरीली हवा के बावजूद बचाव के लिए मास्क का उपयोग नहीं हो रहा।

बुजुर्गों की परेशानी: घर में भी राहत नहीं

बुजुर्गों का कहना है कि हवा इतनी खराब है कि घर के अंदर भी आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होती है।

  • रणजीत सिंह: “धूल और धुएं के कारण कपड़ों पर कालिख जम जाती है।”
  • धनसिंह: “यह वही भिवाड़ी नहीं लगता जहां मैं पैदा हुआ। अब यहां सांस लेना भी मुश्किल है।”

स्कूल बंद, लेकिन मास्क का अभाव

प्राइमरी स्कूलों में 23 नवंबर तक छुट्टियां घोषित की गई हैं। लेकिन उच्च कक्षाओं के स्कूलों में मास्क पहनने के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा।

  • सीतारानी (प्रिंसिपल): “छोटे बच्चों को होमवर्क ऑनलाइन दिया जा रहा है, लेकिन मास्क पहनने की जागरूकता में कमी है।”

भिवाड़ी के 6 हॉट स्पॉट: प्रदूषण के मुख्य कारण

शहर में छह मुख्य क्षेत्र ऐसे हैं, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब है।

  1. RIICO इंडस्ट्रियल एरिया: उद्योगों से निकलने वाला धुआं।
  2. अलवर बाइपास रोड: भारी ट्रैफिक और निर्माण कार्य।
  3. फेज-II इंडस्ट्रियल जोन: रासायनिक कचरा और इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट।
  4. बस स्टैंड: वाहनों का धुआं और कचरे का जलना।
  5. खुशखेड़ा इंडस्ट्रियल बेल्ट: स्टील और प्लास्टिक उद्योग।
  6. चौपानकी रोड: धूल और औद्योगिक उत्सर्जन।

प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास

नगर परिषद और अन्य विभाग प्रदूषण रोकने के लिए पानी का छिड़काव और स्मॉग मशीन का उपयोग कर रहे हैं। फायर ब्रिगेड अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में सड़क पर धूल को नियंत्रित करने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय

भिवाड़ी में बढ़ता प्रदूषण शहर के शहरीकरण और औद्योगिक विकास की कीमत को दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति में सुधार के लिए सख्त नीतियों और जनजागरूकता की जरूरत है।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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