संबित पात्रा का दावा…..शिक्षक घोटाले में दीदी की भूमिका साफ, अब बचना नामुमकिन!

West Bengal Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल की राजनीति में भूचाल लाने वाले शिक्षक भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने 25,000 से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों को अवैध घोषित करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। (West Bengal Teacher Recruitment Scam) शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि इस प्रक्रिया में भारी अनियमितता हुई, जिससे कई योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन हुआ है।

 “दीदी की उलटी गिनती शुरू”

फैसले के तुरंत बाद भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर जोरदार हमला बोल दिया। पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा…“दीदी जेल जाएंगी! भारत में कानून का राज है और भ्रष्टाचारियों को इसकी सज़ा जरूर मिलेगी।” उन्होंने ममता सरकार पर वर्षों से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि भाजपा सरकार आते ही हर घोटाले की जवाबदेही तय की जाएगी।

 “यह विपक्ष की सुनियोजित साजिश है”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा और माकपा पर मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा…“मैं न्यायपालिका का सम्मान करती हूं, लेकिन इस फैसले से मानवीय आधार पर असहमत हूं। एक गलती की सज़ा सभी को नहीं मिलनी चाहिए।”

 “अगर चाहें तो मुझे जेल भेज दें” 

राज्य सचिवालय से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि अगर भाजपा चाहती है कि वे शिक्षकों के समर्थन में जेल जाएं, तो वे इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी, लेकिन कानूनी विकल्पों पर भी गंभीरता से विचार किया जाएगा।

विधानसभा चुनाव 2026 से पहले बड़ा झटका

यह मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब राज्य में 2026 विधानसभा चुनाव की रणनीतियाँ बननी शुरू हो चुकी हैं। यह घोटाला और सुप्रीम कोर्ट का फैसला तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन सकता है। वहीं भाजपा इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने की पूरी तैयारी में है।

 क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बंगाल की राजनीति में एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। इससे तृणमूल कांग्रेस की साख को नुकसान पहुंच सकता है और विपक्ष को जनता के बीच मजबूत पकड़ बनाने का मौका मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केवल एक कानूनी कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह बंगाल की राजनीति में संभावित उथल-पुथल की शुरुआत का संकेत भी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि तृणमूल और भाजपा इस मुद्दे को जनता के सामने किस तरह पेश करते हैं।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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