उत्तराखंड में बार-बार कंपन क्यों? वैज्ञानिक मानते हैं, यह बड़ी tectonic हलचल का शुरुआती संकेत

 Uttarkashi Earthquake: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार, को एक बार फिर धरती डोल उठी। दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर आए इस हल्के भूकंप की पुष्टि राज्य आपदा कंट्रोल रूम और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) दोनों ने की। इस बार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई और इसका केंद्र ( Uttarkashi Earthquake)जमीन से करीब 5 किलोमीटर गहराई में था।

लगातार झटकों से लोगों में बढ़ रही दहशत

हालांकि कुछ ही सेकंड के लिए धरती कांपी, लेकिन यह घटना उत्तराखंड में पिछले कुछ महीनों से जारी भूकंपीय हलचल की एक और कड़ी बन गई। अल्मोड़ा और मेरठ में भी पहले ऐसे झटके दर्ज हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार छोटे स्तर के कंपन भविष्य में बड़े खतरे की चेतावनी हो सकते हैं।

पिछले महीनों में दर्ज झटकों का ब्यौरा

  • अल्मोड़ा, उत्तराखंड: 3.4 तीव्रता का भूकंप, गहराई 5 किमी
  • मेरठ, उत्तर प्रदेश: 2.7 तीव्रता का भूकंप, गहराई 5 किमी

हालांकि, अब तक किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। लेकिन आपदा विशेषज्ञ मानते हैं कि बार-बार ऐसे झटके भूकंपीय संवेदनशीलता की याद दिला रहे हैं और आपात तैयारी पर जोर दे रहे हैं।

भूकंप का तकनीकी विवरण

तारीख 8 जुलाई 2025
समय दोपहर 1:07 बजे (IST)
लोकेशन उत्तरकाशी, उत्तराखंड
अक्षांश 31.22°N
देशांतर 78.22°E
गहराई 5 किलोमीटर
तीव्रता 3.2 रिक्टर स्केल

विशेषज्ञों की सलाह

भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र बेहद संवेदनशील जोन है। यहां 3 से 4 तीव्रता के झटके सामान्य माने जाते हैं, लेकिन वे भविष्य के गंभीर भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं। ऐसे में आपदा प्रबंधन और जनता को जागरूक रखना बेहद जरूरी है।

— विशेष संवाददाता

Bodh Saurabh Desk

Bodh Saurabh is an experienced Indian journalist and digital media professional, with over 14 years in the news industry. He currently works as the Assistant News Editor at Bodh Saurabh Digital, a platform known for providing breaking news and videos across a range of topics, including national, regional, and sports coverage.

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