तीसरी कक्षा की छात्रा को क्लास में जाते वक्त आया दिल का दौरा, बचाई नहीं जा सकी जान

Schoolgirl heart attack: गुजरात के अहमदाबाद में ज़ेबर स्कूल फॉर चिल्ड्रन से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कक्षा तीन की एक मासूम छात्रा, गार्गी रानपारा, स्कूल की लॉबी में कुर्सी पर बैठते ही अचानक बेहोश हो गई। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने दिल दहला देने वाली खबर दी – बच्ची को हार्ट अटैक आया था। (Schoolgirl heart attack)सभी कोशिशों के बावजूद, गार्गी को बचाया नहीं जा सका।

यह घटना न केवल दिल तोड़ने वाली है, बल्कि एक बड़ा सवाल भी खड़ा करती है – आखिर इतनी छोटी उम्र में बच्चों को दिल का दौरा क्यों पड़ रहा है? स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिष्ठा सिन्हा ने बताया कि शिक्षकों ने बच्ची को CPR देकर मदद की कोशिश की और तुरंत एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन ये प्रयास नाकाफी साबित हुए।

इससे पहले इसी हफ्ते, बेंगलुरु के पास भी ऐसी ही एक घटना में 8 वर्षीय बच्ची की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं ने अभिभावकों और विशेषज्ञों को झकझोर कर रख दिया है। मामले की जांच जारी है, ताकि इस त्रासदी के पीछे की असली वजह का पता लगाया जा सके।

स्कूल में बच्ची की मौत से जुड़े CCTV वीडियो के खुलासे

स्कूल प्रबंधन द्वारा जारी किए गए CCTV फुटेज में गार्गी रानपारा को स्कूल की लॉबी में टहलते और अपनी कक्षा की ओर जाते हुए देखा जा सकता है। इसी दौरान उसे बेचैनी महसूस हुई, जिसके चलते वह कुछ देर खड़ी रही और फिर एक कुर्सी पर बैठ गई।

वीडियो में देखा गया कि शिक्षकों और अन्य छात्रों की मौजूदगी में गार्गी कुर्सी से अचानक बेहोश होकर फिसल गई।

स्कूल प्रिंसिपल की प्रतिक्रिया

स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिष्ठा सिन्हा ने बताया कि गार्गी स्कूल पहुंचने पर बिल्कुल सामान्य लग रही थी। लेकिन पहली मंजिल की ओर जाते वक्त अचानक वह असहज हो गई और कुर्सी पर बैठ गई। इसके बाद जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, तो शिक्षकों ने तुरंत CPR देकर उसकी सहायता करने की कोशिश की और एम्बुलेंस बुलाई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बच्ची को स्कूल के निजी वाहन से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि गार्गी को दिल का दौरा पड़ा था और वेंटिलेटर पर रखने के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।

पुलिस की जांच

संयुक्त पुलिस आयुक्त नीरज बडगुजर ने कहा कि पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना की जानकारी मिलने के बाद बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है ताकि मौत के सही कारण का पता चल सके।

बेंगलुरु के निकट एक अन्य घटना

इसी तरह की घटना बेंगलुरु के पास एक स्कूल में हुई, जहां कक्षा 3 की छात्रा तेजस्विनी अचानक चक्कर आने के बाद गिर पड़ी। स्कूल स्टाफ ने तुरंत उसे JSS अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके। डॉक्टरों ने मौत का कारण Cardiac Arrest बताया। घटना के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर स्कूल स्टाफ और छात्रों से जानकारी ली। स्कूल प्रिंसिपल फादर प्रभाकर ने इस घटना को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया।

स्कूलों में बच्चों की ऐसी अप्रत्याशित मौतें सभी के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। यह घटनाएं न केवल बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं, बल्कि स्कूल प्रबंधन को भी आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए बेहतर तैयारी सुनिश्चित करने पर जोर देती हैं।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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