Rpsc Paper Leak Case: शिक्षा प्रणाली का मजबूत स्तंभ माने जाने वाले वरिष्ठ अध्यापक, द्वितीय श्रेणी भर्ती-2022 के पेपर लीक मामले ने शिक्षा के मंदिर को अपवित्र कर दिया है। इस घोटाले में शामिल पांच प्रमुख आरोपियों की संपत्ति कुर्की की कगार पर है। न्यायालय ने इन आरोपियों के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने के नोटिस जारी किए हैं और 6 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इन आरोपियों के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर उन्हें पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
इस मामले ने राज्य के शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है, जहां योग्य उम्मीदवारों के सपनों को चूर-चूर करने का षड्यंत्र रचा गया। न्यायालय के इस कठोर कदम से उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को सजा मिलेगी और (Rpsc Paper Leak Case)भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। आइए, इस सनसनीखेज और महत्वपूर्ण मामले की गहराइयों में उतरते हैं और जानते हैं कि कैसे यह घोटाला प्रकाश में आया और न्याय की राह पर चल पड़ा।
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2022 पेपर लीक मामले में आरोपियों की संपत्ति कुर्क
जयपुर मेट्रो-प्रथम की ईडी व सीबीआई मामलों की विशेष कोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक, द्वितीय श्रेणी भर्ती-2022 पेपर लीक मामले के पांच आरोपियों, सुरेश कुमार ढाका, जोगेन्द्र सारण, सुरेश विश्नोई, प्रदीप खींचड़ व नेताराम कलबी के खिलाफ संपत्ति कुर्की के नोटिस जारी किए हैं। इन नोटिसों को आरोपियों की संपत्तियों पर चस्पा किया जाएगा, ताकि कोर्ट में उनकी पेशी सुनिश्चित की जा सके।
डमी कैंडिडेट्स से भरी बस पकड़ी गई थी
एडीजी (एटीएस व एसओजी) वी.के. सिंह ने बताया कि आरपीएससी ने वरिष्ठ अध्यापक, द्वितीय श्रेणी भर्ती-2022 के सामान्य ज्ञान व मनोविज्ञान विषय की परीक्षा 24 दिसंबर 2022 को प्रथम पारी में आयोजित की थी। इसी दौरान गोपनीय सूचना के आधार पर परीक्षा शुरू होने से पहले ही स्थानीय पुलिस उदयपुर ने पुलिस थाना बेकरिया के सामने रोड पर पिंडवाड़ा से उदयपुर आने वाली एक बस में अभ्यर्थियों व डमी परीक्षार्थियों सहित अन्य आरोपियों से सामान्य ज्ञान व शैक्षिक मनोविज्ञान विषय के सॉल्व प्रश्न पत्र बरामद किए।
बेकरिया में 66 और सुखेर में 18 आरोपी गिरफ्तार
इस बस से 37 अभ्यर्थियों सहित कुल 45 लोगों को पकड़ा गया। पेपर लीक होने के चलते इस परीक्षा को स्थगित कर दिया गया और बाद में 29 जनवरी 2023 को आयोजित किया गया। बेकरिया पुलिस थाने में दर्ज इस मामले में अभी तक 66 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, वहीं सुखेर में भी लीक पेपर मामले के 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मामले की जांच एसओजी द्वारा
सुरेश कुमार ढाका इन दोनों मामलों में फरार चल रहा है, जबकि जोगेन्द्र सारण, सुरेश विश्नोई, प्रदीप खींचड़ व नेताराम कलबी बेकरिया मामले में फरार हैं। इन दोनों मामलों का अनुसंधान एसओजी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार शर्मा कर रहे हैं।
39 शिक्षकों के खिलाफ SOG में केस दर्ज
ताइक्वांडो के फर्जी खेल प्रमाण-पत्र के नौकरी लगे 39 शिक्षकों के खिलाफ एसओजी में केस दर्ज किया गया है। गिरफ्तार बिमलेन्द्र कुमार झा व कमल सिंह से पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह ने यूएई में बनाई गई फर्जी ई-मेल आईडी से खेल प्रमाण पत्रों का सत्यापन करवाया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर कई शिक्षकों के खिलाफ एसओजी में केस दर्ज किया गया है।
फर्जी खेल प्रमाण पत्र से भर्ती में धोखाधड़ी
इन लोगों के खेल प्रमाण पत्र ताइक्वांडो फैडरेशन ऑफ इंडिया की फर्जी ई-मेल आईडी से सत्यापन करा भर्तियों में काम में लिए गए। जांच में ये भी सामने आया कि यूएई में बनी फर्जी ई-मेल को इंडिया में बिमलेन्द्र कुमार झा व अन्य के मोबाइल में एक्सेस किया गया था। एसओजी इस संबंध में तकनीकी आधार पर जांच कर रही है।
1 लाख में बनते थे सर्टिफिकेट
एसओजी ने अक्टूबर में ताइक्वांडो के फर्जी खेल सर्टिफिकेट के मामले में राजस्थान ताइक्वांडो संघ के सचिव श्रीगंगानगर निवासी दिनेश जगरवाल को गिरफ्तार किया था, जो सीकर के लक्ष्मणगढ़ स्थित नासनवा की सरकारी स्कूल में पीटीआई था। इसी मामले में फर्जी वेरिफिकेशन करने वाले बिमलेंदु कुमार झा सहित 4 आरोपी कमल सिंह, हितेश भादू व मनोज कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था। आरोपी दिनेश ने सर्टिफिकेट के अभ्यर्थियों से 1-1 लाख रुपए लिए थे।
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