
Rajasthan paper leak: राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। वन रक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसओजी की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। (Rajasthan paper leak) इस घोटाले में कांग्रेस नेता की भूमिका सामने आई है, जिसने 6-6 लाख रुपये लेकर अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले ही पेपर पढ़वा दिया। अब इस खेल का पर्दाफाश होते ही कई नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें सरकारी पदों पर तैनात लोग भी शामिल हैं।
पूर्व कांग्रेस पार्षद ने किया बड़ा खुलासा
एसओजी ने दो दिन पहले पूर्व कांग्रेस पार्षद नरेश देव सारण उर्फ एन.डी. सारण को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने 7 अभ्यर्थियों को 6-6 लाख रुपये में वन रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर बेचा था। यह सौदा सिलेक्शन के बाद पूरा होना था, यानी नौकरी पक्की होने के बाद ही रकम दी जाती। इसके बाद एसओजी ने दो महिला वन रक्षकों सीमा कुमारी और टिनो कुमारी को हिरासत में ले लिया, जो कांग्रेस नेता के संपर्क में थीं और पेपर खरीदकर परीक्षा पास कर चुकी थीं।
इनोवा कार बना मोबाइल परीक्षा केंद्र!
इस घोटाले का तरीका किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं था। कांग्रेस नेता एन.डी. सारण ने अपने ड्राइवर कवराराम के साथ मिलकर पेपर साल्व करवाने की पूरी योजना बनाई। परीक्षा से पहले ही वह सातों अभ्यर्थियों को अपनी इनोवा कार में बिठाकर उदयपुर ले गया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कार में ही सॉल्व पेपर तैयार किया गया। एन.डी. सारण ने अपने मोबाइल के जरिए साल्व पेपर ड्राइवर को भेजा, और ड्राइवर ने इनोवा में रखे प्रिंटर की मदद से उसका प्रिंट निकालकर सभी अभ्यर्थियों को पढ़ाया। इस तरह परीक्षा से पहले ही पेपर और उसके उत्तर अभ्यर्थियों के हाथ में थे!
डील के मुताबिक, जब अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हो गया, तब तयशुदा 6-6 लाख रुपये एन.डी. सारण और मुख्य आरोपी हीराराम उर्फ हरीश सारण को दे दिए गए।
पेपर खरीदकर बनीं वन रक्षक, अब जेल की तैयारी!
इस पेपर लीक घोटाले की कड़ी जब आगे बढ़ी तो एसओजी को बालोतरा वन रेंज और चौहटन वन रेंज में तैनात दो महिला वन रक्षकों की संदिग्ध भूमिका मिली। जांच में सामने आया कि सीमा कुमारी (बालोतरा वन रेंज) और टिनो कुमारी (चौहटन वन रेंज) ने पैसे देकर पेपर खरीदा था और इसी के दम पर परीक्षा पास की थी।
सीमा कुमारी (पुत्री मांगीलाल चौधरी, निवासी चौधरियों का वास, रमणीया सिवाना) और टिमो कुमारी (पुत्री डूंगराराम, पत्नी लिख्माराम जाट, निवासी जादूओं का तला, चौहटन) को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, और जब उनकी भूमिका स्पष्ट हुई, तो एसओजी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
बड़ा सवाल: आखिर कब रुकेगा यह खेल?
राजस्थान में लगातार सामने आ रहे पेपर लीक घोटाले ने सरकारी भर्तियों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेहनत करने वाले योग्य अभ्यर्थियों के हक पर इन माफियाओं की पैसों की ताकत हावी हो रही है। अब सवाल यह है कि आखिर कब तक सरकारी नौकरियों की बोली लगती रहेगी, और क्या सरकार इस रैकेट का असली मास्टरमाइंड पकड़ पाएगी?
एसओजी की जांच जारी है, लेकिन इस खुलासे के बाद एक बात तो साफ है – सरकारी नौकरियों के इस काले बाजार में बड़े मगरमच्छ अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं!
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