Rajasthan Dental Council: राजस्थान स्टेट डेंटल कौंसिल में हाल ही में हुए चुनावों में विवाद की चिंगारी अब भड़कने लगी है। ( Rajasthan Dental Council) निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. विकास जैफ और उनके समर्थकों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कौंसिल में अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को जीताने के लिए नामांकन पत्रों को मनमाने ढंग से खारिज कर दिया गया। इस घटनाक्रम ने कौंसिल के अंदरूनी ताने-बाने को लेकर कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर संदेह उत्पन्न हो गया है।
डेंटल कौंसिल चुनावों में विवाद: निष्पक्षता पर उठे सवाल
राजस्थान स्टेट डेंटल कौंसिल के चुनावों में इस बार जबरदस्त विवाद की लहर उठी है। जयपुर के एक निजी होटल में 29 अक्टूबर को संपन्न हुए इन चुनावों में नामांकन प्रक्रिया और परिणामों को लेकर भारी असंतोष उभर आया है। निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. विकास जैफ और उनके पैनल के सदस्यों ने चुनाव अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नामांकन पत्र नियमों के विरुद्ध खारिज किए गए, जबकि अध्यक्ष पद के प्रतिद्वंद्वी डॉ. एच.एल. गुप्ता का नामांकन, नियमों का उल्लंघन होने के बावजूद, स्वीकार कर लिया गया।
चुनाव अधिकारी का पक्ष: “नियमों के अनुसार प्रक्रिया हुई”
चुनाव अधिकारी डॉ. संकल्प मित्तल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि चुनाव बिल्कुल निष्पक्ष करवाए गए हैं। उनका कहना है कि चुनाव में एक ही व्यक्ति एक से अधिक उम्मीदवारों के लिए प्रस्तावक या अनुमोदक नहीं बन सकता। यदि किसी को इस प्रक्रिया पर आपत्ति है, तो वह सरकार को शिकायत कर सकता है। चुनावों के बाद परिणामों की रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है, जो अंतिम निर्णय के लिए सक्षम है।
24 सदस्यीय कार्यकारिणी में चुने जाते हैं पदाधिकारी
राजस्थान स्टेट डेंटल कौंसिल की कार्यकारिणी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 5 कार्यकारी सदस्यों का चुनाव 24 कौंसिल सदस्यों के बीच से किया जाता है। इन सदस्यों में से ही उम्मीदवार बनते हैं, जिनका चयन वोटिंग के माध्यम से होता है।
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