DutyAndBribe: होमगार्ड विभाग में सामने आया है भ्रष्टाचार का चौंकाने वाला मामला, जहां ड्यूटी के बदले सीधे ऑनलाइन पैसा मांगा जा रहा है। अफसर गार्डों से अपने खातों में पेमेंट करवा रहे हैं (DutyAndBribe) और स्क्रीनशॉट दिखाने पर ही ड्यूटी लगाई जा रही है। जो गार्ड पैसा देने से इनकार करते हैं, उन्हें ड्यूटी से हटाने और पद से निकालने की धमकी दी जाती है। यह केवल ड्यूटी तक सीमित नहीं, बल्कि बड़ी राशि वसूलने का एक सजीव उदाहरण बन गया है। आखिर क्यों सरकारी तंत्र का यह महत्वपूर्ण हिस्सा भ्रष्टाचार की गहराइयों में डूबता जा रहा है? जानिए इस शर्मनाक खेल का पूरा सच।
होमगार्ड विभाग में रिश्वत का बड़ा खेल
राजस्थान के होमगार्ड विभाग में रिश्वत देने और लेने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जब होमगार्ड गार्डों ने शिकायत की, तो विभाग के अधिकारियों ने करीब चार महीने तक जांच की, जिसमें पाली सुमेरपुर, अजमेर और केकड़ी में रिश्वत लेने और देने के सबूत मिले। अब यह मामला अन्य जिलों में भी जांच के दायरे में आ चुका है। जांच के बाद डीजी होमगार्ड ने एसीबी को जांच रिपोर्ट भेजी और इस मामले में एसीबी ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है।
कंपनी कमांडर से लेकर प्लाटून कमांडर तक की भूमिका
गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र अजमेर में पदस्थ कंपनी कमांडर शिवशंकर पारीक और प्लाटून कमांडर नगाराम सहित कई अन्य होमगार्ड अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत लेने के सबूत मिले हैं। जांच में यह पाया गया कि कमांडरों ने ड्यूटी लगाने के एवज में गार्डों से पैसे लिए। गार्डों द्वारा दिए गए पैसे का लेन-देन मोबाइल नंबरों पर हुआ था, जिसमें ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए राशि भेजी गई। नगाराम ने अवैतनिक ड्यूटी के बदले गार्डों से लाखों रुपए की घूस ली और उसके बाद राशि कंपनी कमांडर तक पहुंचाई।
ड्यूटी की कमी और रिश्वत का खेल
होमगार्ड जवानों के लिए ड्यूटी कम होने के कारण अधिकारियों ने इसका फायदा उठाकर गार्डों से पैसे लिए। हर दिन की ड्यूटी के बदले 897 रुपए मिलते हैं, और यदि किसी जवान को लगातार ड्यूटी मिलती है तो वह महीने में 27,000 रुपए तक कमा सकता है। इसी कमी का फायदा उठाते हुए अधिकारी मनमर्जी से ड्यूटी लगाते थे, और बदले में रिश्वत की मांग की जाती थी।
“ड्यूटी लगातार करने की एवज में कई होमगार्ड से वसूली की शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों के आधार पर प्राथमिक जांच की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए। इन तथ्यों के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।”
रवि मेहरड़ा, डीजी एसीबी
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