Rajasthan By-Election 2024: टोंक जिले के देवली-उनियारा उपचुनाव ने राजनीतिक हलचलों को तेज कर दिया है, जहां कांग्रेस के नेता सचिन पायलट और हरीशचंद्र मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर है। (Rajasthan By-Election 2024)भाजपा भी चुनावी प्रचार में पूरी ताकत झोंक रही है, लेकिन ग्रामीणों की बढ़ती नाराजगी और सड़क की अनदेखी के मुद्दे ने चुनावी माहौल को हिलाकर रख दिया है। मतदान बहिष्कार की घोषणा के साथ ही ग्रामीणों ने बीएलओ से मतदान पर्ची लेने से भी इनकार कर दिया है, जिससे चुनावी समीकरणों पर असर डालने की संभावना बन गई है। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि क्या यह विरोध कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए संकट का कारण बनता है।
ग्रामीणों का गुस्सा: सड़क की बदहाली बनी वजह
दौसा उपचुनाव के दौरान अमीरगंज गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है। उनकी मुख्य शिकायत यह है कि गांव में सड़क की खस्ता हालत की वजह से वे चुनावी प्रक्रिया से बाहर हैं। बीएलओ श्योनारायण गुर्जर से मतदान पर्चियां लेने की बजाय ग्रामीणों ने इनकार कर दिया, जिससे पर्चियां वितरित नहीं हो पाईं।
2007-2008 में हुई थी सड़क की योजना, फिर क्यों नहीं हुई मरम्मत?
ग्रामीणों का कहना है कि 2007-2008 में पूर्व कृषिमंत्री प्रभुलाल सैनी के कार्यकाल में गांव में पक्की सड़क का निर्माण हुआ था, लेकिन 1 किलोमीटर का रास्ता अब भी खस्ताहाल है। बारिश के मौसम में इस रास्ते पर चलना मुश्किल हो जाता है, और इसके कारण कीचड़ में वाहन फंस जाते हैं।
स्थानीय नेताओं से निराश: ठोस समाधान की मांग
ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर स्थानीय सांसद, विधायक और एसडीएम से कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उनका कहना है कि एक ही रास्ते से मुख्यालय और अन्य जगहों पर जाने में काफी परेशानी होती है। अब वे ठोस समाधान की उम्मीद लगाए हुए हैं।
झिंकरा समाधान से निराश: प्रशासन की औपचारिकता पर सवाल
हालांकि प्रशासन ने इस मुद्दे को हल करने के लिए झिंकरा डालने का प्रयास किया, ग्रामीणों का कहना है कि यह बस औपचारिकता है। उन्हें कोई स्थायी समाधान चाहिए, ताकि भविष्य में फिर ऐसी परेशानियां न आएं।
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