
Proba-3 mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है, जब उसने यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के साथ मिलकर प्रोबा-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस सफलता ने अंतरिक्ष अनुसंधान और अंतरिक्ष मौसम के अध्ययन में एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाया है।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के अंतरिक्ष केंद्र से आज शाम 4:04 बजे (IST) प्रोबा-3 मिशन का प्रक्षेपण हुआ। यह मिशन इसरो और उसकी व्यावसायिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) तथा ESA के बीच महत्वपूर्ण सहयोग का प्रतीक है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर घटनाओं और अंतरिक्ष मौसम के पैटर्न को बेहतर समझना है, जिससे भविष्य में इनसे संबंधित खतरों से बचाव में मदद मिल सके।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: प्रोबा-3 मिशन का बहुराष्ट्रीय प्रयास
प्रोबा-3 मिशन एक महत्वपूर्ण बहुराष्ट्रीय प्रयास है, जिसमें यूरोपीय देशों जैसे स्पेन, बेल्जियम, पोलैंड, इटली और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों का संयुक्त योगदान है। इस मिशन का कुल बजट €200 मिलियन है और यह दो वर्षों तक चलेगा। इसमें दो प्रमुख घटक शामिल हैं— 200 किलोग्राम वजनी ऑक्ल्टर स्पेसक्राफ्ट और 340 किलोग्राम का कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट। दोनों उपग्रह मिलकर सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए सौर कोरोनाग्राफ बनाएंगे।
सूर्य के कोरोना का अध्ययन: प्रोबा-3 मिशन का मुख्य उद्देश्य
प्रोबा-3 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सूर्य के कोरोना का अध्ययन करना है, जो अपनी अत्यधिक गर्मी के लिए प्रसिद्ध है। यह परत अंतरिक्ष मौसम घटनाओं, जैसे सौर तूफानों और हवाओं, के लिए महत्वपूर्ण है, जो पृथ्वी पर संचार, नेविगेशन और पावर ग्रिड को प्रभावित कर सकते हैं। यह मिशन “ऑन-डिमांड सौर ग्रहण” प्रदान करेगा, जिससे वैज्ञानिक सूर्य के कठिन हिस्से का लगातार अध्ययन कर सकेंगे।
सटीक अध्ययन के लिए प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग तकनीक
प्रोबा-3 मिशन का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग तकनीक का प्रदर्शन है। इस तकनीक से भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों के लिए नए रास्ते खुलेंगे। प्रोबा-3 उपग्रह सूर्य के कोरोना का सटीक अध्ययन करने में सक्षम होंगे और यह तकनीक सूर्य के बाहरी वायुमंडल के बारे में अभूतपूर्व जानकारी प्रदान करने की उम्मीद है। यह पृथ्वी पर अंतरिक्ष मौसम घटनाओं को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद करेगा।
ये भी पढ़ेंः
जयपुर में टंकियों और टावरों पर अलर्ट क्यों? पीएम के दौरे से पहले क्या चल रहा है पर्दे के पीछे?