
Mississauga Ram Idol: मिसिसॉगा (कनाडा)। भारतीय कला और आध्यात्मिक विरासत ने एक और ऐतिहासिक पड़ाव पार करते हुए कनाडा के मिसिसॉगा स्थित हिंदू हेरिटेज सेंटर में भगवान श्रीराम की 51 फुट ऊँची भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। यह प्रतिमा न केवल उत्तर अमेरिका में श्रीराम की सबसे ऊँची प्रतिमा है, बल्कि यह आधुनिक भारत की सांस्कृतिक कूटनीति का भी प्रतीक बन गई है।
यह अद्भुत प्रतिमा मूर्तिकार नरेश कुमार कुमावत द्वारा तैयार की गई है, जो अब तक 80 से अधिक देशों में भारतीय संस्कृति आधारित मूर्तियाँ स्थापित कर चुके हैं। (Mississauga Ram Idol)गुरुग्राम स्थित मातु राम आर्ट सेंटर में निर्मित इस प्रतिमा को विशेष स्टील संरचना पर खड़ा किया गया है और इसे सौ वर्षों से अधिक समय तक टिके रहने की तकनीक से बनाया गया है।
धर्म, मर्यादा….करुणा की मूर्त अभिव्यक्ति
यह प्रतिमा केवल एक कलात्मक संरचना नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम के मूल सिद्धांतों — धर्म, करुणा और मर्यादा की प्रत्यक्ष व्याख्या है। यह प्रतिमा भारतीय मूल्यों की वैश्विक प्रासंगिकता और उनकी सार्वभौमिकता को दर्शाती है।
इस अवसर पर 1.9 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा, वैदिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रसाद वितरण जैसे आयोजन हुए। बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों, स्थानीय नागरिकों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों ने भाग लेकर इस आयोजन को भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक बना दिया।
“यह केवल प्रतिमा नहीं, आध्यात्मिक सेतु है” — नरेश कुमावत
मूर्तिकार नरेश कुमार कुमावत ने कहा, “यह प्रतिमा केवल एक कलाकृति नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक सेतु है जो महाद्वीपों और पीढ़ियों को जोड़ती है। यह मुझे अत्यंत विनम्र बनाता है कि श्रीराम की दिव्यता अब उत्तर अमेरिका की भूमि पर भी स्थापित हुई है।”
यह मूर्ति आधुनिक भारत की उस सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है जो सीमाओं से परे जाकर विश्व को जोड़ने की क्षमता रखती है। यह स्थापित करती है कि जब आध्यात्मिकता और कला एक साथ मिलती हैं, तो वे वैश्विक संवाद का आधार बन जाती हैं।
यह मूर्ति न केवल भारतीय आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत की संस्कृति, शांति और एकता के संदेश को स्थायित्व प्रदान करती है।
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