
Dev Diwali 2024: 15 नवंबर, शुक्रवार को देव दीपावली का पावन पर्व मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है। यह दिन भगवान शिव की पूजा से जुड़ा हुआ है, और इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान (Dev Diwali 2024) और दान करने का महत्व है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। शाम के समय देव दीपावली की पूजा की जाती है, जब दीपों से सजी वातावरण में दिव्यता का अहसास होता है। इस साल देव दीपावली का शुभ मुहूर्त शाम 5:10 से 7:47 बजे तक है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस दिन दीप जलाने के सही नियम क्या हैं और भगवान शिव के लिए कितने मुख वाला दीप जलाना सबसे शुभ होता है? आइए, ज्योतिषाचार्य पं अक्षय शास्त्री से जानते हैं देव दीपावली पर दीपदान के नियम और खास बातें।
देव दीपावली पर कितने दीए जलाएं? जानें शुभ संख्या और दीपक के प्रकार
विषम संख्या में दीपक जलाना है शुभ
ज्योतिषाचार्य पं अक्षय शास्त्री के अनुसार, देव दीपावली पर शुभ मुहूर्त में विषम संख्या में दीप जलाना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। आप 5, 7, 9, 11, 51, 101 की संख्या में दीपक जला सकते हैं। यदि आप इससे अधिक दीपक जलाना चाहते हैं तो भी विषम संख्या का ध्यान रखना चाहिए।
भगवान शिव के लिए 8 या 12 मुख वाला दीपक जलाएं
देव दीपावली के अवसर पर भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस दिन 8 या 12 मुख वाला दीपक जलाना शुभ होता है। ऐसे दीपक से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, जिससे आपके दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
देव दीपावली पर दीपदान के नियम
- मिट्टी के दीपक का उपयोग करें:
दीप जलाने के लिए हमेशा मिट्टी के दीपक का प्रयोग करें। दीपक को पहले पानी में भीगाकर सुखाएं, फिर उसे जलाएं। - घी का दीपक जलाएं:
देव दीपावली पर गाय के घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह घर में सुख-समृद्धि लाता है। अगर घी उपलब्ध नहीं है, तो आप तिल या सरसों के तेल से दीपक जला सकते हैं। - भगवान शिव के लिए घी वाला 8 या 12 मुखी दीपक जलाएं:
भगवान शिव के लिए 8 या 12 मुख वाला दीपक जलाना विशेष रूप से शुभ होता है। घी वाले दीपक में रूई की बाती का उपयोग करें। - दीपदान के स्थान:
दीपदान आप किसी भी पवित्र नदी, मंदिर या पूजा स्थान पर कर सकते हैं, जहां आपको शांति का अनुभव हो। - इष्ट देव के लिए 1 मुखी दीपक:
अगर भगवान शिव आपके इष्ट देव हैं, तो उनके लिए 1 मुखी दीपक जलाने का विशेष महत्व है। - दीप जलाने की दिशा:
घर में पूजा स्थान पर दीप जलाने के लिए ईशान कोण (उत्तर-पूर्व), पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा का चुनाव करें। इससे आयु वृद्धि, धन प्राप्ति और संकटों से मुक्ति मिलती है। - स्नान और पूजा के बाद दीपदान करें:
देव दीपावली पर दीपक जलाने से पहले स्नान करके शुद्ध कपड़े पहनें। फिर भगवान शिव की पूजा करके दीपक जलाएं।
दीप जलाने का मंत्र
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।।
दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।।