Margashirsha Month 2024: मार्गशीर्ष माह में 3 शुभ योग और व्रत के नियम! भगवान श्रीकृष्ण की पूजा से मिलेगा आशीर्वाद

Margashirsha Month 2024: हिंदू कैलेंडर में मार्गशीर्ष माह का विशेष महत्व है, जिसे अगहन माह भी कहा जाता है। यह माह अंग्रेजी कैलेंडर के नवंबर और दिसंबर महीनों में आता है। (Margashirsha Month 2024)इस वर्ष मार्गशीर्ष माह का प्रारंभ 16 नवंबर, शनिवार से हो रहा है। इस पवित्र महीने के पहले दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

श्री साकेत पंचांग बुंदी के पं अक्षय शास्त्री के अनुसार, मार्गशीर्ष माह को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना गया है। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। मार्गशीर्ष माह में व्रत और पूजा के विशेष नियम हैं जिनका पालन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष माह के प्रारंभ पर कौन से 3 शुभ योग बन रहे हैं और इस माह में व्रत और पूजा के नियम क्या हैं।

मार्गशीर्ष माह का प्रारंभ 2024: शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 16 नवंबर, शनिवार को तड़के 2 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ हो रही है। इस तिथि का समापन उसी रात 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ 16 नवंबर से होगा।

मार्गशीर्ष माह का समापन 2024

मार्गशीर्ष माह का समापन 15 दिसंबर, रविवार को होगा। उस दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा होगी। हिंदू कैलेंडर में कोई भी माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है और शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर समाप्त होता है।

3 शुभ योगों में प्रारंभ होगा मार्गशीर्ष माह 2024
इस साल मार्गशीर्ष माह के पहले दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं:
  1. परिघ योग – यह प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
  2. सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग – ये दोनों शाम 7 बजकर 28 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 45 मिनट तक रहेंगे।
  3. पहले दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 7 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।
मार्गशीर्ष माह में व्रत और पूजा के नियम

मार्गशीर्ष माह में विशेष व्रत और पूजा विधियों का पालन किया जाता है, जिससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।

  1. भगवान श्रीकृष्ण की पूजा: मार्गशीर्ष माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यमुना नदी में स्नान के बाद श्रीकृष्ण की पूजा करें, इससे उनकी कृपा प्राप्त होती है।
  2. मंत्र जाप और भगवत गीता का पाठ: इस माह में श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप और भगवत गीता का पाठ करने से व्यक्ति का कल्याण होता है, उसके दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  3. ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र: इस माह में इस मंत्र का जाप करना चाहिए और भगवान श्रीकृष्ण और श्रीहरि की पूजा में तुलसी के पत्ते का भोग जरूर लगाएं।
  4. शंख पूजा: शुभ फलों की प्राप्ति के लिए शंख की पूजा करें। उसमें गंगाजल भरकर श्रीकृष्ण या भगवान विष्णु के चारों ओर घुमाएं और उस जल को घर में छिड़कें।
  5. भगवान श्रीकृष्ण का नाम जप: इस माह में भगवान श्रीकृष्ण का नाम जप करें, भजन और कीर्तन करें, साथ ही मासिक कृष्ण अष्टमी और एकादशी व्रत विधिपूर्वक करें।
  6. दान का महत्व: मार्गशीर्ष माह में तुलसी, गर्म कपड़े, फल, अन्न, मोरपंख, दीपक, पीतांबर, चंदन आदि का दान करना शुभ माना जाता है।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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