
Kartavya Bhawan: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी के कर्तव्य पथ पर एक नए युग की शुरुआत करते हुए कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया। यह भवन न केवल आधुनिक प्रशासन का प्रतीक है, बल्कि हरित निर्माण और ऊर्जा दक्षता की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम है।
▶️ प्रशासनिक दक्षता और डिजिटलीकरण को बढ़ावा
कर्तव्य भवन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ाना है। यहां गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, और तेल एवं गैस मंत्रालय सहित कई विभागों को स्थानांतरित किया जाएगा।
▶️ एकीकृत केंद्रीय सचिवालय की ओर बड़ा कदम
यह भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे 10 नए भवनों में से एक है। इसके निर्माण से सरकार को हर साल 1500 करोड़ रुपये के किराए की बचत होगी। इसके साथ ही पुराने शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन जैसे भवनों का स्थान अब आधुनिक सुविधाओं से युक्त कर्तव्य भवन लेगा।
▶️ हाई-टेक और हरित विशेषताएं
- स्मार्ट एंट्री सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी
- सोलर पैनल, सौर वॉटर हीटर और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन
- अपशिष्ट जल पुनः उपयोग और ठोस कचरा प्रबंधन
- ऊर्जा-बचत एलईडी, सेंसर आधारित लाइट्स और स्मार्ट लिफ्ट्स
▶️ संरचना और डिज़ाइन
यह भवन 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैला है, जिसमें दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल+6) शामिल हैं। ऊर्जा की 30% बचत के लिए डिज़ाइन की गई इस संरचना में ध्वनि प्रदूषण को कम करने वाली कांच की विशेष खिड़कियां भी लगाई गई हैं।
▶️ क्या यह भारत के प्रशासनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का भविष्य है?
कर्तव्य भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि ‘न्यू इंडिया’ की शासन-व्यवस्था का मॉडल है। डिजिटलीकरण, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और कार्यकुशलता को साथ लेकर चलना अब भारत सरकार की प्राथमिकता बन चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी आज शाम छह बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित करेंगे, जिसमें वे इस परियोजना के राष्ट्रीय महत्व और विजन को साझा करेंगे।
रिपोर्ट: बोध सौरभ समाचार
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