Rajasthan: जल जीवन मिशन घोटाला!बिना काम करोड़ों का फर्जी भुगतान, ईडी ने कसा शिकंजा

JJM 900 Crore Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जल जीवन मिशन (JJM) में हुए बड़े घोटाले पर शिकंजा कसते हुए भ्रष्टाचार की नई परतें उजागर की हैं। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि ठेकेदार कंपनियों ने (JJM 900 Crore Scam)फील्ड में काम किए बिना ही करोड़ों का फर्जी भुगतान कराया। जलदाय विभाग के इंजीनियरों की मिलीभगत से बिना पाइपलाइन और टंकियों के वेरिफिकेशन के सरकारी खजाने को चूना लगाया गया।
ईडी की जांच अब इन फर्जी भुगतानों पर केंद्रित है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ देश के राजनीतिक और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े करती है। पारदर्शिता और जवाबदेही का दावा करने वाली सरकारों के लिए यह मुद्दा अब एक बड़ी परीक्षा बन चुका है।

ठेकेदारों की फर्मों पर ईडी की नजर

900 करोड़ रुपये के जल जीवन मिशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस दिया है। जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल को पत्र लिखकर मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। ईडी ने एनआईटी, टेंडर राशि, किए गए काम की स्थिति और भुगतान से जुड़ी जानकारी दोबारा मांगी है। हर वर्कऑर्डर में काम की प्रगति और भुगतान की टाइमलाइन की भी विस्तार से जांच की जा रही है।

900 करोड़ का गबन: पैसा गया कहां?

जांच में खुलासा हुआ है कि घोटाले से कमाए गए धन को विवादित जमीनों और बेनामी संपत्तियों में निवेश किया गया है। ईडी ने कई प्रॉपर्टी कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है और भू-कारोबारियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। घोटाले की परतें खोलने के लिए ईडी अब मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे नेटवर्क को ट्रैक कर रही है।

बिना काम करोड़ों का भुगतान!

वर्कऑर्डर के तीन चरणों में भुगतान की प्रक्रिया तय है—70% पाइप खरीदने पर, 20% लाइन बिछाने पर, और 10% पाइपलाइन चालू करने पर। लेकिन रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि ठेकेदार फर्मों को 70 से 90% तक भुगतान कर दिया गया, जबकि न पाइप मौके पर थे और न ही कोई काम हुआ।

ईडी की जांच ने बढ़ाई हलचल

प्रवर्तन निदेशालय की सक्रियता ने जल जीवन मिशन में फैले भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी लेन-देन की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। ईडी के कदमों से घोटाले के दोषियों में हड़कंप मच गया है, और इस मामले में बड़ी कार्रवाई की संभावना है।

जल जीवन मिशन घोटाला: कौन होगा जिम्मेदार?

इस महाघोटाले ने सरकारी सिस्टम की खामियों और भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर किया है। अब ईडी की जांच पर सबकी नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह कार्रवाई न केवल दोषियों को बेनकाब करेगी बल्कि सिस्टम में पारदर्शिता की मांग भी तेज कर रही है।

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Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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