IIFA अवार्ड्स! क्या यह राजस्थान को वैश्विक पहचान दिलाएगा या सरकारी धन का दिखावटी खर्च साबित होगा?”

IIFA Award 2025:राजस्थान, एक ऐसा प्रदेश जो अपनी ऐतिहासिक विरासत, राजसी महलों और रंगीन संस्कृति के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, अब एक और कारण से सुर्खियों में है….IIFA अवार्ड्स! बॉलीवुड का यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोह जल्द ही राजस्थान की धरा पर अपनी चमक बिखेरने वाला है। सितारों की जगमगाहट, मीडिया का ग्लोबल फोकस और अनगिनत पर्यटकों का आना—इन सबका असर सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था, पर्यटन और वैश्विक छवि पर भी पड़ेगा।

लेकिन सवाल यह है…क्या यह आयोजन वास्तव में राजस्थान के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगा, या फिर यह सिर्फ एक चमक-दमक भरा तमाशा बनकर रह जाएगा? (IIFA Award 2025)क्या सरकार का इस आयोजन में किया गया निवेश सही साबित होगा, या फिर जनता के धन का अपव्यय होगा? आइए, इस पूरे मुद्दे को करीब से समझते हैं।


राजस्थान को क्या मिलेगा IIFA अवार्ड्स से?

IIFA अवार्ड्स सिर्फ एक फिल्म पुरस्कार समारोह नहीं है, बल्कि यह एक ब्रांड है, जो जहाँ भी जाता है, वहाँ पर्यटन और व्यवसाय को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा देता है। राजस्थान पहले से ही विदेशी और देशी पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण केंद्र है, लेकिन इस बार यह सिर्फ किलों और रेगिस्तानों तक सीमित नहीं रहेगा।

जब बॉलीवुड के सुपरस्टार्स राजस्थान की खूबसूरती की तारीफ करेंगे, जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया जयपुर, उदयपुर और जोधपुर की तस्वीरों को अपने कैमरों में कैद करेगा, तब दुनिया भर में राजस्थान की ब्रांडिंग अपने आप हो जाएगी। होटल भरे रहेंगे, रेस्तरां गुलजार होंगे और लोकल मार्केट्स में भी रौनक बढ़ेगी।

25th IIFA Awards 2025 | Date, Time, Venue & Tickets - National Film Awards

लेकिन क्या यह असर केवल कुछ दिनों के लिए रहेगा, या यह राजस्थान को लंबे समय तक फायदा पहुँचाएगा?


पर्यटन और अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार

IIFA अवार्ड्स के दौरान राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहरों, रंगीन संस्कृति और राजसी ठाठ-बाठ का प्रचार दुनिया भर में होगा। जब दुनियाभर के फिल्म प्रेमी टीवी और सोशल मीडिया पर राजस्थान के रंग देखते हुए यहाँ घूमने का सपना संजोएंगे, तब पर्यटन में स्वाभाविक रूप से बढ़ोतरी होगी।

पर्यटन बढ़ेगा तो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। होटलों की बुकिंग बढ़ेगी, टैक्सी ड्राइवरों की कमाई बढ़ेगी, गाइड्स और हस्तशिल्प व्यवसायियों को नए ग्राहक मिलेंगे। छोटे और मध्यम स्तर के बिजनेस को सीधा लाभ मिलेगा।

लेकिन क्या यह फायदे लंबे समय तक टिकेंगे, या फिर यह एक गुजरती हुई लहर मात्र होगी?


रोजगार के नए अवसर या सिर्फ अस्थायी नौकरियाँ?

इतने बड़े आयोजन के लिए व्यवस्थाएँ करनी होंगी—स्टेज सेटअप, सिक्योरिटी, कैटरिंग, ट्रांसपोर्ट, मीडिया कवरेज, होटल मैनेजमेंट, इवेंट प्लानिंग और कई अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लोगों की जरूरत होगी। इससे हज़ारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।

लेकिन क्या यह रोजगार स्थायी होगा? शायद नहीं। जैसे ही आयोजन खत्म होगा, इन नौकरियों की भी विदाई हो जाएगी।

इसलिए यह जरूरी है कि सरकार IIFA जैसे आयोजनों को केवल एक इवेंट की तरह ना देखे, बल्कि इसे राजस्थान में फिल्म और इवेंट इंडस्ट्री को स्थायी रूप से विकसित करने के अवसर के रूप में उपयोग करे।


क्या यह सरकारी धन का अपव्यय है?

IIFA अवार्ड्स जैसे आयोजनों पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। बड़े सितारों की उपस्थिति, इवेंट मैनेजमेंट, सिक्योरिटी, प्रमोशन—इन सब पर सरकार को भी बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है।

लेकिन सवाल उठता है….क्या यह पैसा जनता की भलाई के कामों में लगाया जाना चाहिए था? राजस्थान अभी भी कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है….पानी की किल्लत, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, बेरोजगारी जैसी चुनौतियाँ सामने हैं। ऐसे में, क्या यह सही है कि सरकार करोड़ों रुपये इस भव्य आयोजन पर खर्च करे?

समर्थकों का मानना है कि यह पैसा निवेश की तरह है, जिससे राजस्थान की वैश्विक पहचान बनेगी और पर्यटन व अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, आलोचकों का कहना है कि यह सिर्फ कुछ दिनों की चकाचौंध है, जिसका असर ज्यादा दिन नहीं रहेगा।


IIFA अवार्ड्स: मौका या दिखावा?

IIFA अवार्ड्स राजस्थान को ग्लोबल स्टेज पर ले जाने का सुनहरा अवसर बन सकता है, लेकिन इसके लिए सरकार को इसे सिर्फ एक इवेंट के रूप में नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीति के हिस्से के रूप में देखना होगा। यदि इस आयोजन से राज्य में फिल्म सिटी, पर्यटन सुविधाओं का विस्तार और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने के प्रयास किए जाएँ, तो यह सही मायनों में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

लेकिन यदि यह केवल एक रात की चकाचौंध बनकर रह गया, तो यह सरकारी धन का अपव्यय ही माना जाएगा।

अब सवाल आपसे….क्या आपको लगता है कि IIFA अवार्ड्स राजस्थान के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा, या यह केवल एक तामझाम बनकर रह जाएगा?

Bodh Saurabh

Bodh Saurabh, a journalist from Jaipur, began his career in print media, working with Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika, and Khaas Khabar.com. With a deep understanding of culture and politics, he focuses on stories related to religion, education, art, and entertainment, aiming to inspire positive change through impactful reporting.

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