महंगाई का नया शॉक! चाय, बिस्कुट और तेल महंगे होंगे, लेकिन इसके पीछे की असली वजह क्या है?

FMCG Price Hike: महंगाई का बोझ धीरे-धीरे हर घर की रसोई और दैनिक जरूरतों पर भारी पड़ता जा रहा है। जहाँ लोग पहले से ही बढ़ती कीमतों से जूझ रहे हैं, वहीं अब बड़ी एफएमसीजी कंपनियों ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने का फैसला कर लिया है।

क्या आपने हाल ही में किराने का सामान खरीदा और बिल देखकर चौंक गए? (FMCG Price Hike)तो समझ लीजिए, यह सिर्फ शुरुआत है। हिंदुस्तान यूनिलीवर, डाबर, टाटा कंज्यूमर, और नेस्ले जैसी नामी कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी हैं। वजह? बढ़ती लागत और सीमा शुल्क में वृद्धि। इसका असर आने वाले दिनों में और भी गहरा हो सकता है। अब सवाल यह है कि क्या आम आदमी इस महंगाई के थपेड़ों को सह पाएगा?

चाय और खाद्य तेल से लेकर स्किन क्रीम तक कीमतों में उछाल

एफएमसीजी कंपनियों और डिस्ट्रीब्यूटर्स के अनुसार, चाय, खाद्य तेल, साबुन और स्किन क्रीम जैसे उत्पादों की कीमतों में 5-20% तक वृद्धि की संभावना है। यह पिछले 12 महीनों में कीमतों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी।

आयात शुल्क और उत्पादन लागत में वृद्धि

सितंबर में वेजिटेबल ऑयल पर आयात शुल्क में 22% और कैलेंडर वर्ष 2024 में 40% तक की वृद्धि के कारण कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ गई है। साथ ही, 2023 में चीनी, गेहूं के आटे और कॉफी जैसी वस्तुओं की लागत में भी उछाल आया।

पारले और अन्य कंपनियां कीमत बढ़ाने को मजबूर

पारले प्रोडक्ट्स के वाइस-प्रेजिडेंट मयंक शाह ने बताया कि कंपनी अपने पूरे पोर्टफोलियो में संशोधित कीमतों के साथ उत्पाद लॉन्च करने की तैयारी में है। अन्य कंपनियों जैसे एचयूएल, डाबर और नेस्ले ने भी अपने उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की है।

ग्रामीण और शहरी मांग पर प्रभाव

ग्रामीण मांग में गिरावट के बावजूद अक्टूबर में एफएमसीजी बाजार में 4.3% की वृद्धि हुई। हालांकि, नवंबर में इसमें 4.8% की गिरावट दर्ज की गई। अधिकारियों का मानना है कि कीमतों में बढ़ोतरी से शहरी मांग पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन वॉल्यूम में कुछ कमी हो सकती है।

कॉफी और अन्य कमोडिटी की कीमतों में उछाल

नेस्कैफे के मुख्य घटक ग्रीन कॉफी की कीमत पिछले तीन वर्षों में तीन गुना बढ़ गई है। नेस्ले सहित कॉफी निर्माताओं ने हाल के महीनों में कीमतों में 20% तक वृद्धि की है।

दीर्घकालिक स्थिरता के लिए मूल्य वृद्धि आवश्यक

एफएमसीजी अधिकारियों का कहना है कि बढ़ती लागत के दबाव को कम करने और मार्जिन स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी है। मूल्य वृद्धि उपभोक्ता स्टेपल श्रेणियों में अपेक्षाकृत कम प्रभाव डालती है और उपभोक्ता इसे झेलने में सक्षम हैं।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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