
क्या है इस हिंदू ग्राम की खासियत?
यह केवल एक रिहायशी गांव नहीं होगा, बल्कि एक ऐसा धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनेगा जो सनातन धर्म को समर्पित होगा। बागेश्वर धाम जनसेवा समिति की ओर से इस गांव के लिए ज़मीन उपलब्ध कराई जा रही है, जिस पर सनातन धर्म प्रेमी अपने घर बना सकेंगे।
पहले ही दिन दो परिवारों ने दिखाई रुचि
परियोजना की शुरुआत बेहद सकारात्मक रही। पहले ही दिन दो परिवारों ने गांव में बसने की औपचारिक सहमति दी और सभी ज़रूरी दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूरी की। इसके अतिरिक्त, लगभग 50 और लोगों ने यहां अपना घर बनाने की रुचि जाहिर की है।
सनातन संस्कृति के संरक्षण की पहल
धीरेंद्र शास्त्री ने इस गांव को सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के प्रचार-प्रसार का केंद्र बताया। उन्होंने कहा…”यह केवल एक गांव नहीं, बल्कि एक विचार है — जो आने वाली पीढ़ियों को हमारी जड़ों से जोड़ेगा। यह पहल धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
गांव में होंगी ये धार्मिक-सांस्कृतिक सुविधाएं
इस गांव को पूरी तरह से धर्म और संस्कृति के अनुरूप डिज़ाइन किया जा रहा है। यहां निम्नलिखित सुविधाएं प्रस्तावित हैं:
- भव्य मंदिर
- गौशाला
- यज्ञशाला
- संस्कृत विद्यालय
- सत्संग भवन
- धर्मशालाएं
यह सारी सुविधाएं गांववासियों के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जीवन को समृद्ध बनाएंगी।
सामाजिक समरसता…धार्मिक पर्यटन…
स्थानीय प्रशासन और समाज के विभिन्न वर्गों ने इस पहल का खुले दिल से स्वागत किया है। इस परियोजना से न केवल सामाजिक एकता को बल मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र भी बन सकता है।
यह हिंदू ग्राम भारत में पहली बार धर्म, संस्कृति और जीवन शैली को एक साथ समर्पित करने वाली पहल है। यह परियोजना न सिर्फ बागेश्वर धाम को एक नए स्वरूप में प्रस्तुत करती है, बल्कि पूरे देश को सनातन परंपरा और जीवन मूल्यों के संरक्षण की प्रेरणा भी देती है।
बागेश्वर धाम में बन रहा यह हिंदू ग्राम भविष्य में एक धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आदर्श बनकर उभरेगा। यह पहल दर्शाती है कि जब संस्कृति और श्रद्धा साथ चलती हैं, तो समाज नई ऊंचाइयों को छू सकता है।
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