
Akshay Tritiya 2025: अक्षय तृतीया… एक ऐसा दिन जब स्वर्ग के दरवाज़े खुले होते हैं और हर शुभ कार्य का फल कई गुना हो जाता है। कहते हैं इस दिन किया गया एक छोटा-सा दान भी जीवनभर के पुण्य के बराबर होता है।
अक्षय तृतीया, जिसे प्यार से ‘आखा तीज’ भी कहा जाता है, सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि अवसर है पुन्य अर्जन और सुख-समृद्धि का आह्वान करने का। इस वर्ष 30 अप्रैल को पड़ रही यह तिथि(Akshay Tritiya 2025) वैशाख शुक्ल तृतीया को आती है और इसे हिंदू संस्कृति में इतना शुभ माना गया है कि इस दिन बिना मुहूर्त देखे शादी से लेकर कारोबार तक शुरू हो सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं अक्षय गौतम ने बताया कि हालांकि सोना खरीदना इस दिन की सबसे चर्चित परंपराओं में से एक है, लेकिन क्या हो जब सोना जेब की पहुंच से बाहर हो? चिंता नहीं, क्योंकि अक्षय तृतीया का असली जादू उन वस्तुओं में छिपा है जो आप दान करते हैं। आइए जानें वे 5 चीजें जिन्हें इस दिन दान करने से मिलता है अक्षय पुण्य और दिव्य फल..
जल दान …जीवन का सबसे पवित्र उपहार
गर्मी में जल जीवन का सबसे अमूल्य स्रोत बन जाता है। अक्षय तृतीया के दिन मटके, बोतल या वाटर कूलर जैसे माध्यमों से प्यासों को जल पिलाना महान पुण्य माना गया है। सार्वजनिक स्थानों पर जल की व्यवस्था, राहगीरों को शरबत, छाछ या नारियल पानी पिलाना न केवल शारीरिक राहत देता है बल्कि आत्मिक शांति भी प्रदान करता है। ऐसा दान व्यक्ति के जीवन से तनाव और मानसिक असंतुलन को दूर करने में सहायक होता है।
अन्न और भोजन दान….भूख से बड़ा कोई धर्म नहीं
अन्नदान को “महादान” कहा गया है। अक्षय तृतीया पर अनाज जैसे गेहूं, चावल, दाल आदि का दान करना या भूखों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यकारी होता है। मंदिरों, अनाथालयों या श्रमिकों में खाना बांटना न केवल तात्कालिक राहत देता है, बल्कि यह आत्मा को भी तृप्त करता है। यह दान आपके जीवन में धन, भोजन और समृद्धि की अक्षय धारा सुनिश्चित करता है।
वस्त्र और जूते…गरिमा की रक्षा
कपड़े और जूते बिना जीना तपस्या से कम नहीं। इस दिन गरीबों, विधवाओं, अनाथों या तपस्वियों को सूती वस्त्र, सफेद कपड़े या जूते दान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है। यहां तक कि आपके साफ-सुथरे पुराने कपड़े भी किसी के लिए राहत का स्रोत बन सकते हैं। यह दान नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
छाते और ठंडी चीजों का दान – गर्मी में राहत
अक्षय तृतीया पर धूप से बचाने वाले वस्तुओं जैसे छाते, हाथ या इलेक्ट्रिक पंखे, वेटिवर की चटाइयां या ठंडक देने वाले पाउडर का दान बेहद उपयोगी होता है। गर्मी के मौसम में यह वस्तुएं न केवल शरीर को ठंडक देती हैं, बल्कि जीवन की कठिनाइयों से भी रक्षा का प्रतीक मानी जाती हैं। यह राहत देने वाला दान ईश्वर के आशीर्वाद को और निकट लाता है।
धन, चांदी या सोने का दान…अक्षय समृद्धि का मार्ग
हालांकि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ होता है, लेकिन जरूरतमंदों को धन, चांदी या सोने के छोटे सिक्के दान करना उससे भी ज्यादा फलदायी माना गया है। मंदिरों में दान, शिक्षा या चिकित्सा में योगदान देना, या किसी संकटग्रस्त व्यक्ति की आर्थिक मदद करना शुद्ध धर्म है। इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में स्थायी समृद्धि आती है।
अक्षय तृतीया और उसका आध्यात्मिक महत्व
इस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था और पांडवों को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी इसी दिन हुई थी। यही वह दिन है जब सुदामा ने कृष्ण को चावल अर्पित किए थे और बदले में उन्हें राजसी वैभव मिला। ये कहानियाँ दर्शाती हैं कि दिल से किया गया छोटा दान भी ईश्वरीय आशीर्वाद बनकर लौटता है।
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