
Pushkar Fair 2024: भारत में मेले और उत्सव हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा रहे हैं। ये न केवल परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि लोगों को एक मंच पर लाकर सांस्कृतिक विविधता को भी प्रदर्शित करते हैं। (Pushkar Fair 2024)राजस्थान का पुष्कर मेला, जो अपनी भव्यता और अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है, हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस मेले में स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और कला का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
मुख्य खबर:
अजमेर जिले के पुष्कर में इस समय चल रहे अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से कई रोमांचक और विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। कल मेला मैदान में ऊंट शृंगार प्रतियोगिता और ऊंट नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें कलाकारों और पर्यटकों ने खूब उत्साह दिखाया। वहीं सोमवार को मेला मैदान में अश्व नृत्य प्रतियोगिता ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, जहां ढोल की धमाकेदार थाप पर घोड़ों ने शानदार नृत्य प्रस्तुत किया। ये प्रतियोगिताएं मेले की रंगीनियत और जोश को और भी बढ़ा देती हैं।
घोड़ों का अद्भुत नृत्य: पर्यटकों का उमड़ा हुजूम
पुष्कर मेले में सोमवार को आयोजित अश्व नृत्य प्रतियोगिता ने सबका ध्यान आकर्षित किया। ढोल की थाप पर अपने मालिक के इशारों पर नृत्य करते हुए घोड़ों ने न केवल शानदार कला का प्रदर्शन किया, बल्कि करतब भी दिखाए। इस शानदार दृश्य को देखने के लिए देसी और विदेशी पर्यटकों का हुजूम मेला मैदान में उमड़ पड़ा और उन्होंने इन यादगार पलों को अपने कैमरों में कैद किया।
पुरस्कृत हुए सर्वश्रेष्ठ नृत्य करने वाले घोड़े
प्रतियोगिता में प्रशासन ने सर्वश्रेष्ठ नृत्य करने वाले घोड़े के मालिकों को पुरस्कृत भी किया। पशुपालन विभाग के डॉक्टर कुलदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रतियोगिता में कुल 15 प्रतियोगियों ने भाग लिया, जिनमें से एक अनुपस्थित था। जूरी के तीन सदस्य इस प्रतियोगिता का न्याय करने के लिए मौजूद थे। प्रथम स्थान पर इस्माइल खान रहे, जबकि द्वितीय स्थान पर चावंडिया के अशोक कुमार विजय को सम्मानित किया गया। दोनों को नगद राशि के साथ पुरस्कार प्रदान किए गए।
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