
भारत में वायु प्रदूषण का बदलता भूगोल
जहां एक ओर राजधानी दिल्ली में औसत PM2.5 का स्तर 91.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंचा, वहीं छोटे और अपेक्षाकृत कम चर्चित शहर भी इस दौड़ में पीछे नहीं हैं। रिपोर्ट बताती है कि भारत के 20 में से 13 सबसे प्रदूषित शहर उत्तर, मध्य और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में हैं।
वायु प्रदूषण अब सिर्फ पर्यावरणीय नहीं, आर्थिक संकट भी
विशेषज्ञों का कहना है कि यह जहरीली हवा न केवल हर साल लाखों जिंदगियां छीन रही है, बल्कि देश की उत्पादकता, अर्थव्यवस्था और विकास दर पर भी सीधा असर डाल रही है। लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2019 में वायु प्रदूषण से करीब 23 लाख अकाल मौतें हुईं। यह समस्या औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों की बढ़ती संख्या, कंस्ट्रक्शन साइट्स से धूल, पराली जलाने और त्योहारों में पटाखों से और ज्यादा गंभीर होती जा रही है।
भारत के 2024 में सबसे प्रदूषित शहर
- बर्नीहाट (असम)
- दिल्ली
- मुल्लांपुर (पंजाब)
- फरीदाबाद (हरियाणा)
- लोनी (उत्तर प्रदेश)
- नोएडा (उत्तर प्रदेश)
- गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
- भिवाड़ी (राजस्थान)
- ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)
- गुरुग्राम (हरियाणा)
क्या है PM2.5 और क्यों यह सबसे बड़ा खतरा?
PM2.5 बेहद बारीक कण होते हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोन से भी छोटा होता है। यह आसानी से फेफड़ों में जाकर रक्तप्रवाह में शामिल हो जाते हैं। इससे सांस की बीमारियां, दिल का दौरा, स्ट्रोक और कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं। WHO की सिफारिश है कि PM2.5 का स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम रहे, लेकिन भारत में यह औसत 50.6 बना हुआ है।
सरकार और न्यायपालिका की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर सख्त चेतावनी दी है। कुछ राज्यों में पटाखों पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध लागू हैं। दिल्ली जैसे शहरों में ऑड-ईवन स्कीम, ग्रीन जोन और एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटरिंग जैसे उपाय किए गए हैं। फिर भी प्रदूषण कम करने में अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही।
समाधान क्या हैं?
- ग्रामीण इलाकों में बायोमास के बजाय एलपीजी का उपयोग बढ़ाना।
- सार्वजनिक परिवहन जैसे मेट्रो और बसों को प्रोत्साहन।
- उद्योगों में एमिशन कंट्रोल डिवाइस अनिवार्य करना।
- कंस्ट्रक्शन साइट्स पर डस्ट कंट्रोल के सख्त उपाय।
कैसे करें खुद का बचाव?
यदि आपके शहर में AQI 300+ है, तो घर से बाहर निकलने पर N95 मास्क जरूर पहनें। एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। सुबह और देर शाम बाहर जाने से बचें। घर में मनी प्लांट, स्नेक प्लांट जैसे पौधे लगाकर भी हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार लाया जा सकता है।