8th Pay Commission Approval: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक लंबे इंतजार के बाद बड़ी खुशखबरी आई है। महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती चुनौतियों के बीच, मोदी सरकार ने उनके हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी गई है। (8th Pay Commission Approval)यह महत्वपूर्ण निर्णय ऐसे समय में आया है जब महंगाई भत्ता (DA) 53 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच चुका है, और कर्मचारियों को राहत की सख्त आवश्यकता थी। अब इस कदम से लाखों परिवारों को आर्थिक संबल मिलने की उम्मीद है। आइए, इस फैसले के पीछे की विस्तृत जानकारी और इसके संभावित प्रभावों पर एक नज़र डालते हैं।
अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ऐतिहासिक फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। यह फैसला सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनर्स की लंबे समय से चली आ रही मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले संसद में वेतन आयोग से जुड़े सवालों पर सरकार ने किसी प्रस्ताव से इनकार किया था। लेकिन अब इस घोषणा ने लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है।
2016 में लागू हुआ था 7वां वेतन आयोग
वेतन आयोगों के इतिहास पर नजर डालें, तो इनका गठन आमतौर पर हर 10 वर्षों में होता है। वर्तमान में लागू 7वें वेतन आयोग को 2016 में लागू किया गया था, जिसका कार्यकाल 2025 में समाप्त होना है। इससे पहले 4थे, 5वें और 6ठे वेतन आयोगों का कार्यकाल भी 10 वर्षों का रहा था। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि हर बार यही समयसीमा तय हो।
समय से पहले मिली मंजूरी
मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 7वें वेतन आयोग के कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। यह फैसला बजट 2025 से पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स को आर्थिक राहत देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को होगा लाभ
केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से वेतन आयोग के गठन की उम्मीद लगाए हुए थे। अब इस फैसले के बाद उनके वेतन और भत्तों में संशोधन की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को न केवल आर्थिक मजबूती मिलेगी, बल्कि बढ़ती महंगाई से भी राहत मिलने की उम्मीद है। यह कदम सरकार के जनहितैषी दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।
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