Hindu festivals 2025: साल 2025 का आगमन न केवल नए अवसरों और खुशियों का प्रतीक होगा, बल्कि इस बार के त्योहारों का उत्साह भी कुछ खास होगा। अगले साल होली, रक्षाबंधन, दशहरा, दिवाली जैसे प्रमुख पर्व 10 से 12 दिन पहले मनाए जाएंगे, जिससे उत्सवों का माहौल पहले ही शुरू हो जाएगा। होली का पर्व, (Hindu festivals 2025)जो पिछले साल मार्च के आखिरी सप्ताह में आया था, इस बार पहले पखवाड़े में ही अपनी रंगीन छटा बिखेरेगा। साथ ही रक्षाबंधन और दशहरा जैसे त्योहार भी समय से पहले आएंगे, जिससे परिवारों में खुशी और मिलन का माहौल होगा। इस विशेष बदलाव के साथ, नया साल और भी रंगीन और जोश से भरा नजर आएगा।
आने वाला साल: जल्दी मिलेगा त्योहारों का मजा
साल 2025 में त्योहारों का जश्न कुछ खास तरीके से शुरू होगा। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से इस बार कई प्रमुख त्योहार पहले मनाए जाएंगे, जिससे त्योहारों का रंग पहले ही दिखने लगेगा। उदाहरण के तौर पर, 2024 में महाशिवरात्रि मार्च माह में थी, लेकिन 2025 में यह फरवरी के अंत में आएगी। इसी तरह, गणेश उत्सव भी इस बार 27 अगस्त से शुरू होगा, जो कि आमतौर पर सितंबर में मनाया जाता है। अगस्त महीने में रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और गणेश उत्सव जैसे प्रमुख त्योहारों की धूम मचेगी, जो परिवारों और दोस्तों के लिए आनंद का बड़ा मौका होगा।
2025 में त्योहारों का कैलेंडर
साल 2025 में त्योहारों की तिथियां कुछ इस तरह से होंगी:
26 फरवरी: महाशिवरात्रि
14 मार्च: होली
30 मार्च: गुड़ी पड़वा
6 अप्रैल: रामनवमी
30 अप्रैल: अक्षय तृतीया
27 जून: जगन्नाथ रथयात्रा
10 जुलाई: गुरु पूर्णिमा
9 अगस्त: रक्षाबंधन
16 अगस्त: जन्माष्टमी
27 अगस्त: गणेश उत्सव
22 सितंबर: शारदीय नवरात्रि
2 अक्टूबर: दशहरा
7 अक्टूबर: शरद पूर्णिमा
10अक्तुबर:करवा चौथ
21 अक्टूबर: दिवाली
1 नवंबर: देवउठनी एकादशी
अधिकमास से बढ़ता त्योहारों का उत्साह
भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दृक अक्षांश गणित से निर्मित बुंदी से प्रकाशित श्री साकेत पंचांग, हिंदू पंचांग के गणितकर्ता ज्योतिषाचार्य अक्षय शास्त्री के अनुसार, सभी त्योहार अपनी पारंपरिक तिथियों पर मनाए जाते हैं, लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर में हर तीसरे साल अधिकमास आता है, जिससे त्योहारों में 10 से 15 दिन का अंतर देखा जाता है। अधिकमास एक ऐसा महीना होता है, जिसमें संक्रांति नहीं होती और इसे एक अतिरिक्त माह माना जाता है। 2025 में भी इस अंतर को महसूस किया जाएगा, जिससे त्योहारों की तारीखें कुछ जल्दी आएंगी।
सावन और चातुर्मास: तीज-त्योहारों का सिलसिला
सावन माह का आगमन 11 जुलाई से होगा और देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास की शुरुआत भी 6 जुलाई से हो जाएगी, जो 1 नवंबर देवउठनी एकादशी तक रहेगा। चातुर्मास के दौरान हर साल तीज-त्योहारों की झड़ी लगती है, और इस बार सावन और भादो माह में यह त्योहारों की भरमार होगी। यह समय विशेष रूप से पूजा-पाठ और परिवारिक उल्लास से भरा रहेगा।
नए साल में ऐसे त्योहारों का आगमन, जिनका इंतजार पहले किया जाता है, हर किसी के लिए खुशी का कारण बनेगा। 2025 में त्योहारों का जश्न पहले ही शुरू हो जाएगा, और इस खास बदलाव के साथ नए साल का स्वागत किया जाएगा!
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