धर्म का अपमान या मुनाफे की भूख? वॉलमार्ट ने भगवान गणेश को चप्पलों और अंडरवियर पर उतारा

Walmart Ganesh controversy: धार्मिक प्रतीकों का सम्मान केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सह-अस्तित्व का मूल आधार है। जब कोई कंपनी इन प्रतीकों का(Walmart Ganesh controversy) व्यावसायिक इस्तेमाल करती है, तो यह एक गंभीर प्रश्न खड़ा करता है—क्या ये मुनाफे की अंधी दौड़ में हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं की अनदेखी कर रहे हैं?

शुक्रवार (6 दिसंबर 2024) को अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट उस समय विवादों के घेरे में आ गया, जब उसकी ऑनलाइन बिक्री सूची में भगवान गणेश की छवि वाले अंडरवियर और चप्पल जैसे उत्पाद पाए गए। इस खबर ने सोशल मीडिया पर भूचाल मचा दिया, खासतौर पर तब, जब ‘तत्वम-असि’ नामक लोकप्रिय सोशल मीडिया हैंडल ने इस मुद्दे को उजागर करते हुए लिखा, “यह अस्वीकार्य है। आप हमारे हिंदू देवी-देवताओं का अपमान नहीं कर सकते।”

गणेश ब्लेसिंग्स कलेक्शन’ के नाम पर अपमान

वॉलमार्ट ने सेलेस्शियल गणेश ब्लेसिंग्स कलेक्शन’ के तहत भगवान गणेश की छवि वाले उत्पादों की बिक्री शुरू की थी। इनमें टॉप्स, पैंट्स, शॉर्ट्स, बिकिनी, चप्पल, मोज़े और अन्य कपड़ों के साथ-साथ अंडरवियर, बॉक्सर, थोंग, और ब्रा जैसे उत्पाद भी शामिल थे। कम से कम 70 प्रकार के इन उत्पादों पर भगवान गणेश की छवि का उपयोग किया गया था, जो हिंदू समुदाय के लिए गहरी आहत का कारण बना।

धार्मिक भावनाओं का मजाक

भगवान गणेश की छवि का अंडरवियर और चप्पल जैसे उत्पादों पर उपयोग किए जाने से सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया। कई उपयोगकर्ताओं ने इसे हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने वाला और असंवेदनशील कदम करार दिया।

हिंदू समुदाय का गुस्सा और अपील

हिंदू कार्यकर्ता राजन ज़ेड ने वॉलमार्ट से अपील करते हुए कहा, “किसी भी धर्म के प्रतीकों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। यह संवेदनशीलता और सम्मान का मामला है।”

ब्रिटेन के संगठन का बयान

ब्रिटेन स्थित हिंदू संगठन ‘इनसाइट यूके’ ने ट्वीट किया, “हिंदू समुदाय इस कृत्य से चिंतित है। यह हमारी भावनाओं और परंपराओं के प्रति सम्मान की पूर्ण कमी को दर्शाता है।”

हिंदू जागृति संगठन की कड़ी प्रतिक्रिया

हिंदू जागृति संगठन ने अपने बयान में कहा, “श्री गणेश, जो हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजनीय हैं, उनकी छवि को अंडरवियर, बॉक्सर, मोजे और चप्पल पर दिखाना न केवल अपमानजनक है बल्कि पूरे विश्व के हिंदुओं के लिए अस्वीकार्य है।”

वॉलमार्ट को भारी आलोचना झेलनी पड़ी

हिंदू समुदाय और संगठनों के लगातार विरोध के बाद वॉलमार्ट को विवादित उत्पादों को हटाने पर मजबूर होना पड़ा। इस घटना ने एक बार फिर बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनशीलता की अनदेखी पर बहस छेड़ दी है।

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Bodh Saurabh

प्रिंट मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत करते हुए दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और खास खबर.कॉम जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स पर काम किया। गुलाबी नगरी जयपुर का निवासी, जहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन को बारीकी से समझा। धर्म, राजनीति, शिक्षा, कला और एंटरटेनमेंट से जुड़ी कहानियों में न सिर्फ गहरी रुचि बल्कि समाज को जागरूक और प्रेरित करने का अनुभव। सकारात्मक बदलाव लाने वाली रिपोर्टिंग के जरिए समाज की नई दिशा तय करने की कोशिश। कला और पत्रकारिता का अनोखा संगम, जो हर कहानी को खास बनाता है।

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